क्या आप भी किसी कपंनी के शेयर खरीदना चाहते हैं. या आप भी शेयर मार्केट से जुडीं कुछ बेहतरीन जानकारियों को जानना चाहते हैं. ताकि आप भी किसी अच्छी कपंनी के शेयर में निवेश करके लाभ उठा सकें. आइए जानतें हैं, इस लेख के माध्यम से कि equity क्या हैं.
जब कोई भी संस्था या कपंनी अपने शेयर को बाजार में लाती हैं और कोई व्यक्ति उस कपंनी के शेयर को खरीदता हैं. तो कपंनी उस व्यक्ति को अपनी उस कपंनी के शेयर के मूल्य जितनी हिस्सेदारी उपलब्ध करवाती हैं. कपंनी द्वारा उपलब्ध इन शेयरों को ही equity कहा जाता हैं.
Equity Meaning in Hindi:- सरल शब्दों में कहा जाए तो equity किसी संस्था द्वारा जारी किए गये शेयरों और मालिक के बीच हिस्सेदारी को दर्शाती हैं.
उदाहरण: अगर कोई कपंनी अपने 50% शेयर को स्टॉक मार्केट में व्यक्तियों के लिए जारी करती हैं. तो इस बात से आप अंदेशा लगा सकते हैं कि उस कपंनी के 50% निवेशको की उसमें हिस्सेदारी होगी.
अगर कोई व्यक्ति 10% शेयरों में निवेश करता हैं तो वह निवेशकर्ता उस कपंनी के 10% equity का मालिक या हिस्सेदार बन जाता हैं.
इक्विटी शेयर कितने तरह के हैं?
अब हम जानतें हैं, कि equity क्या हैं. लेकिन क्या आप जानतें हैं कि equity share कितने प्रकार या तरह के होते हैं. आइए जानतें हैं कि equity कितने तरह के होते हैं
इक्विटी शेयर 3 तरह के होते हैं
- इक्विटी शेयर्स
- प्रेफरेंस शेयर्स
- डीवीआर शेयर्स
इक्विटी शेयर्स क्या हैं?
इक्विटी शेयर्स को सामान्य भाषा में समझे तो यह सिर्फ़ कपंनी के निवेशकों और मालिकों के बीच की भागीदारी हैं. जिसे स्टॉक मार्केट इक्विटी शेयर्स के नाम से भी जाना जाता हैं.
प्रेफरेंस शेयर्स क्या हैं?
जैसा कि इसके नाम से ही ज्ञात हैं कि यह एक विशेष प्रकार का शेयर हैं इस शेयर में निवेश करने वाले निवेशकों को सामान्य निवेशकों से अधिक सुविधा और लाभ प्राप्त होते हैं.
प्रेफरेंस शेयर्स को हिन्दी में वरीयता शेयर के नाम से भी जिना जाता हैं. प्रेफरेंस शेयर में निवेश करनेवाले सभी निवेशकों को इक्विटी शेयर्स वाले निवेशकों से पहले डिवीडेंट उपलब्ध करवाया जाता हैं.
डीवीआर शेयर क्या हैं?
इसको डिफरेंशियल वोटिंग राइट्स कहा जाता हैं. डीवीआर शेयर इक्विटी शेयर्स के समान ही हैं परन्तु इसमें निवेशकों को कम या ज्यादा वोटिंग के अधिकार उपलब्ध करवाए जातें हैं.
परन्तु भारत के नियमानुसार कोई भी कपंनी अपने ज्यादा वोटिंग वाले शेयर्स को स्टॉक मार्केट में जारी करने की अनुमति नहीं देता हैं. इसलिए भारत में सभी कपंनी के डिफरेंशियल वोटिंग राइट्स वाले सभी शेयर्स के अधिकार सीमित होते हैं.
क्या शेयर और इक्विटी में कोई अंतर है?
नहीं, शेयर और इक्विटी में कोई अंतर नहीं है जब आप किसी कंपनी के शेयर को खरीदते हैं तो कहा जाता है कि आपने उस कंपनी में इक्विटी खरीदी है इसीलिए इन दोनों के बीच कोई फर्क नहीं है।
शेयरहोल्डर इक्विटी क्या होती है?
कंपनी के शेयर धारक के पास उस बिजनेस का जितना मालिकाना हक या हिस्सेदारी होती है उसे शेयरहोल्डर्स इक्विटी कहा जाता है।
निष्कर्ष
यह पूरा लेख what is equity in hindi से सम्बन्धित हैं अगर आप इस लेख से जुडें किसी भी प्रश्न के विषय में जानना चाहतें हैं तो हमें कमेंट के माध्यम से बताएं. हमारे इस लेख को अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर जरूर शेयर करें.