Revenue क्या है? कंपनी के रेवेन्यू को जानना आवश्यक क्यों हैं ?

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अगर आप यह सोच रहे है कि हमे अपनी कंपनी का रेवेन्यू क्यू जानना आवश्यक है? तो आपको बता दें. कि आपको अपनी कंपनी का रिवेन्यू इसलिए पता होना चाहिए. ताकि आप अपनी कंपनी से हो रहे फायदें व नुकसान का अनुमान लगा सकें.


अगर आपको अपनी कंपनी का रेवेन्यू पता नही होगा तो आप यह समझ ही नही पाएंगे की आपकी कंपनी से आपको कब कितना फायदा हुआ और कब कितना नुकसान.

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आखिर क्या हैं रेवेन्यू – What is Revenue

दोस्तो आज इस लेख में आपको रेवेन्यू क्या हैं? रेवेन्यू से क्या होता है? रेवेन्यू जानने के फायदें व नुकसान क्या हैं? आदि से सम्बन्धित सभी विषयो पर अच्छे से चर्चा करेगे अगर आप भी रेवेन्यू से जुडी़ सभी जानकारी को सरल तरीके से जानना चाहते हैं तो आपको इस लेख को अंत तक ध्यानपूर्वक पढ़ना हैं. आइए जानते है रेवेन्यू के बारे में

रेवेन्यू को हिन्दी में क्या कहा जाता हैं?

रेवेन्यू एक अंग्रेजी भाषा का शब्द हैं जिसका अर्थ हिन्दी में राजस्व होता है. वह धन जो किसी निजी या सरकारी संस्था के उत्पाद को बिक्री कर अर्जित किया जाता हैं. उस संस्था या कंपनी का रेवेन्यू या राजस्व कहा जाता हैं.

हम इस उदाहरण के जरिये पता कर सकते हैं रेवेन्यू क्या है आइए देखते है

अगर कोई कंपनी प्रति माह 500 उत्पाद को 10,000 रूपये प्रति उत्पाद को बैचती है तो उसका रेवेन्यू कुछ इस प्रकार निकाला जाएगा-
500×10,000= 50,00,000 रूपये प्रति माह होगा.

राजस्व की परिभाषा

आसान शब्दों मे कहे तो राजस्व या रेवेन्यू वह हैं जो किसी संस्था के उत्पाद को बिक्री करके जो धन आता हैं वह उस कंपनी या संस्था का राजस्व या रेवेन्यू कहा जाता हैं


इस रेवेन्यू में कंपनी का लाभ व हानि दोनों ही शामिल होती हैं.

क्या है रेवेन्यू

किसी व्यापार द्वारा कमाई वह धनराशि जो कि उसके उत्पादों को बेचकर अर्जित की जाती हैं. उस व्यापार का वह रेवेन्यू या राजस्व कहलाती हैं.

अगर कोई अपनी कपनी का सही राजस्व पता करना चाहता हैं तो वह कुल रेवेन्यू से टैक्स, इंटरेस्ट और व्यापार में लगने वाले सभी चार्जेस को घटा कर पता कर सकता हैं.


आइए एक उदाहरण से हम इसे अच्छे से समझे

रेवेन्यू फॉर्मूला

आय = बिका उत्पाद× मूल्य प्रति इकाई + अतिरिक्त आय Revenue = Quantity Sold x Price per Unit + Additional Income

उदाहरण

माना की आपकी कंपनी ब्रांडेड जूते बेचती हैं जिसके प्रति यूनिट जूते की कीमत 1000 रूपये हैं और यह हर महीने 100 जूते बेच देती हैं तो इस कंपनी का रेवेन्यू होगा.

1000×100= 100,000 रूपये

याद रखिये कि यह 1 लाख रूपये इस कंपनी का 1 महीने का राजस्व या रेवेन्यू हैं.
अगर आप इसके द्वारा कमाया लाभ जानना चाहते हैं तो आप को इसमें से जूते को लेने में लगा धन व अन्य खर्चो को घटाना होगा. तब जो धनराशि निकलेगी वह इस कंपनी के द्वारा कमाया लाभ कहलाएंगी.

रेवेन्यू को कंपनी की टॉप लाइन क्यू कहा जाता हैं

कंपनी के रेवेन्यू शब्द का मतलब वह धनराशि जो वह अपने उत्पादो को सेल करके कमाती है.
रेवेन्यू को कंपनी की टॉप लाइन इसलिए कहा जाता हैं क्योकि यह कंपनी के आय विवरण में सबसे पहले लिखा जाता हैं. रेवेन्यू किसी कंपनी या संस्था की आर्थिक स्थिति को दर्शाता हैं.

जैसा कि आप जानते है आजकल बहुत सारी ऑनलाइन या ऑफलाइन कंपनी अपने उत्पादों पर डिस्काउंट देती हैं और रिटर्न पॉलिसी जैसी बेहतरीन सुविधाएं मुहैया कराती हैं इन सभी खर्चो को अलग करने के बाद जो धनराशि उत्पादों को बेचकर आती हैं वह उस कंपनी का रेवेन्यू कहलाती हैं.

अगर उपरोक्त कंपनी का रेवेन्यू ज्यादा होता है. तो कहा जा सकता है. कि मार्केट में कंपनी द्वारा उपलब्ध कराए उत्पादों की अच्छी खासी मांग है. ऐसे में कंपनी अपने आप को और विस्तृत कर अधिक लाभ की ओर अग्रसर हो सकती है.


कंपनी का रेवेन्यू ही यह तय करता हैं कि आने वाले वक्त में कंपनी की क्या पहचान होगी. अगर कंपनी मार्केट में अच्छा प्रदर्शन करती है. तो इसके साथ अन्य छोटी बडी़ कंपनिया भी कोलेबोरेशन करने को तैयार हो जाती हैं इससे कंपनी का भविष्य और बेहतर हो जाता है.

रेवेन्यू से जुडी़ बातें

अगर आप भी कोई उद्योगपति है. और उद्योग से जुड़ी थोडी़ बहुत समझ है आपको तो आप यह अवश्य ही समझते होगे कि अगर आपको रेवेन्यू के बारे मे पता होगा तो आप कंपनी के भविष्य को और बेहतर बनाने के लिए नयी रणनीति तैयार करने में सक्षम होगे. आइए जानते है रेवेन्यू से जुडी़ कुछ महत्वपूर्ण बातें-

  • रेवेन्यू के द्वारा कंपनी की आर्थिक स्थिति को अच्छे से समझा जा सकता हैं.
  • इसके जरिये कंपनी के लिए नयी योजनाए तैयार की जा सकती हैं.
  • रेवेन्यू द्वारा कंपनी के क्षेत्र को विस्तृत किया जा सकता है.
  • मार्केट में कंपनी किस तरह का प्रदर्शन कर रही हैं और कितना रेवेन्यू कमा रही हैं यह सब जानकर ही कोई भी किसी कंपनी मे निवेश करता हैं.

रेवेन्यू के जरिये उत्पादों के मूल्य मे कमी करनी है या बढ़ोत्तरी यह भी समझा जा सकता हैं.

रेवेन्यू कितने प्रकार का होता हैं

यह 2 प्रकार का होता है.

  • ऑपरेटिंग रेवेन्यू
  • नॉन ऑपरेटिंग रेवेन्यू

ऑपरेटिंग रेवेन्यू:


ऑपरेटिंग रेवेन्यू किसी कंपनी की वह आय होती हैं. जो कि कंपनी के सर्विस और उत्पाद को बेचकर प्राप्त की जाती हैं.

नॉन ऑपरेटिंग रेवेन्यू:

यह कंपनी की आय का वह साधन हैं जो कि टेक्स, रेंट आदि के द्वारा प्राप्त होता है.

अगर आप किसी कंपनी की आर्थिक प्रगति को जानना चाहते हैं तो आपको सबसे पहले इन 2 तरह के रेवेन्यू को जानना आवश्यक है

  • सकल राजस्व (Gross revenue)
  • कुल राजस्व (net revenue)

सकल राजस्व (Gross revenue)

सकल राजस्व किसी कंपनी द्वारा कमाया वह रेवेन्यू या राजस्व है जो कि बिना किसी अतिरिक्त खर्चो की कटौती के बिना निकाला जाता हैं.
सरल भाषा में समझे तो यह वह आय है जो उत्पाद के बेचने से प्राप्त होती हैं.

कुल राजस्व (net revenue)

किसी कंपनी द्वारा जब सकल राजस्व से सभी टैक्स, बिल , अतिरिक्त खर्चो को निकालने के बाद जो रेवेन्यू आता है उसे ही उस कंपनी की नेट आय या कुल राजस्व कहा जाता है.

सकल राजस्व और कुल राजस्व के अतिरिक्त कुछ और रेवेन्यू इस प्रकार है.

  • इन्वेस्टमेंट्स रेवेन्यू
  • सर्विस रेवेन्यू
  • रॉयल्टी रेवेन्यू

इन्वेस्टमेंट्स रेवेन्यू (investments revenue)

इन्वेस्टमेंट रेवेन्यू से तात्पर्य यह है. कि यह वह धनराशि है. जो किसी व्यापार को शुरू करने में लगे धनराशि के बदले प्राप्त की जाती है.
इसे हम ऐसे समझ सकते

उदाहरण:

जब कोई व्यक्ति किसी मकान को किराए पर उठाता है एवं उस संपत्ति द्वारा मिले धन को हम इन्वेस्टमेंट रेवेन्यू कह सकते है.
यानि अगर मकान की कीमत 30 लाख रूपये है. और उसे हम प्रति माह 8 हजार रूपये किराए पर उठा दें. तो हमे 30 लाख रूपये की संपत्ति पर प्रति माह 8 हजार रूपये का रिटर्न मिल रहा है.

सर्विस रेवेन्यू (service revenue)

सर्विस रिवेन्यू कंपनी के रेवेन्यू का वह साधन है. जो वह अपने द्वारा बेचे गये सामान की मरम्मत आदि के लिए ग्राहको से शुल्क के रूप में लेती है.

उदाहरण:

माना किसी व्यक्ति ने एक गाढी़ खरीदी . लेकिन एक साल बाद उसके पहिये या कांच आदि में कोई समस्या आती हैं तो वह उस कंपनी से अपनी गाढी़ की मरम्मत करवाएगा. इस प्रक्रिया से आयी इनकम को ही कंपनी की सर्विस रेवेन्यू कहेगें.

रॉयल्टी रेवेन्यू (royalty revenue)

रॉयल्टी रेवेन्यू कंपनी द्वारा कमाया वह धन है जो वह अपनी कंपनी की बौद्धिक संपत्ति पर जारी करती है. इसको कंपनी पेटेंट, कॉपीराइट, ट्रेडमार्क जैसी चीजो के द्वारा ले सकती है. अगर कोई अन्य कंपनी या संस्था द्वारा उस कंपनी के ट्रेडमार्क, जैसी किसी वस्तु का प्रयोग किया जाता है. तो वह उस कंपनी को उतने धन का भुगतान करेगी. जितना कि उस कंपनी ने अपनी बौद्धिक संपत्ति पर लगाया है.

उदाहरण:

अगर कोई व्यक्ति किसी कंपनी के रजिस्टर्ड बैनर का उपयोग अपनी किसी वस्तु पर करके लाभ कमाता हैं. तो जिस कंपनी के बैनर का इस्तेमाल किया गया है. वह कंपनी दूसरी कंपनी द्वारा प्रयोग किए गये उसके बैनर के लिए शुल्क ले सकती हैं.

राजस्व वृद्धि दर का अर्थ

राजस्व वृद्धि दर से तात्पर्य यह है. कि किसी कंपनी के विकास दर को समझने या मापने के लिए इसका प्रयोग किया जाता हैं इस प्रक्रिया से कंपनी की राजस्व वृद्धि दर किस दिशा में जा रही है. यह पता लगाया जाता है. राजस्व वृद्धि दर को मापकर आप समझ सकते है कि आपको कंपनी के रेवेन्यू बढा़ने के लिए किस रणनीति को अपनाना चाहिए.

FAQ’s

प्रश्न: रेवेन्यू शब्द से तात्पर्य हिंदी में क्या है?

उत्तर: रेवेन्यू अंग्रेजी भाषा का एक शब्द है. हिन्दी भाषा में इसे राजस्व कहा जाता है.

प्रश्न: रेवेन्यू कैसे जोडा़ जाता है?

उत्तर: अगर आप भी अपनी कंपनी का रेवेन्यू कितना हुआ. यह देखना चाहते है तो आपको बस इतना काम करना हैं कि आपका जितना प्रोडक्ट सेल हुआ है. उसके प्राइस के साथ उसका गुणा करना हैं. और उसमे अतिरिक्त आय को जोड़ना है. अब आपका आयी संख्या आपकी कंपनी का रेवेन्यू होगी.

फॉर्मूला
आय = बिका उत्पाद× मूल्य प्रति इकाई + अतिरिक्त आय

प्रश्न: आखिर कोई संस्था अपना रेवेन्यू मे वृद्धि कैसे कर सकती है?

उत्तर: अगर कोई संस्था अपना रेवेन्यू बढा़ना चाहती हैं, तो वह अपने उत्पाद को मोडिफाई करके, उत्पाद की प्राइस पर डिस्काउंट, मार्केटिंग, 24×7 ग्राहको को अपनी सुविधा मुहैया कराकर संस्था के रेवेन्यू को बढा़ सकती हैं.

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