IPO के बारे में पूरी जानकारी हिंदी में

IPO क्या है? | What Is IPO In Hindi?

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नमस्कार दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हम आप लोगो को बतायेगे की IPO क्या होता हैं, IPO की process क्या है? और IPO से जुडी बहुत सारी जानकारी आपको हमारे इस पोस्ट में मिलेगी

IPO क्या है? | What is IPO in Hindi?

IPO का full form Initial public offering है। किसी भी कंपनी को public से पैसा लेना हो (Collect) करना हो तो उसको share market मे listed होना होता है

अगर किसी कंपनी को fund की जरूरत होती है तो वो IPO लाती है और आप उस IPO से कंपनी के share ले के कंपनी के हिस्सेदार बन सकते है.

शुरुआत मे कंपनी की funding promoters, friend, family ओर saving के पैसे से हो जाती है। उसके बाद Angel Investors (कोई अमीर व्यक्ति या Businessmen जो start up मे invest करता है) पैसा invest करते है।

उसके बाद venture capital firm या privet equity firm से पैसा आता है ओर लास्ट मे IPO से पैसा आता है। 

IPO के लिए कंपनी को NSE ओर BSE मे listed होना पड़ता है। ओर उसमे investor invest करते है ये investor अलग अलग हो सकते है जेसे institutional investors, non-institutional investors।

IPO मे Apply करने के लिए कितनी Investment चाहिए?

IPO मे apply करने के लिए 10 से 20 हज़ार की जरूरत होती है जिससे आपको 1 lot मिलता है जिसमे बहुत सारे share होते है।

IPO मे Lot या lot size क्या होता है?

IPO मे आपने अप्लाई किया होगा तो आपने बहुत बार सुना होगा की lot size क्या है। कंपनी जब IPO लाती है तो 1-1 share नही देती वो एक लॉट बनती है किसमे बहुत सारे शेर होते है

जेसे की 15-20 share का एक लॉट तो ये जो 15-20 share का 1 बकेट होता है उसको लॉट कहा जाता है और आपको minimum 1 लॉट के लिए अप्लाई करना पड़ता है।

Lot size यानि सारे share को 1 एक 1 लॉट बनके बहुत सारे lot बना लेते है जिसको lot size कहा जाता है। जेसे 1 लॉट 15 share का तो 15 share करके 200 से 300 जीतने लॉट बनाते है। वो लॉट size है।

IPO मे कैसे apply करे? | How to Apply for IPO?

IPO मे apply करने के लिए आपको आप जिस broker का account या application use करते है वह IPO मे apply करने का option आता है

उसमे सारे जो IPO की application open है वो लिस्ट आएगी आप उसमे अप्लाई कर सकते है। अगर आपके पास demat account नही है तो Upstox, groww या IND money की लिंक हमने दी है वह से apply कर सकते है।

UpstoxDownload
GrowwDownload

IPO की जरूरत क्यों होती है?

शुरुआत मे तो छोटे मोटे फ़ंड मिल जाते है venture capital, privet investor से लेकिन बाद मे जब ज्यादा फ़ंड की requirement होती है तब IPO की जरूरत होती है।

IPO public के लिए होता है तो बहुत सारे investor मिल जाते है।  IPO एक equity fund कलेक्ट करने का जरिया है

जो Debt नही है इसलिए कंपनी के उपर liability नही आती ओर कोई interest देना नही होता लेकिन उसके लिए भी कंपनी को अपनी value बनानी होती है नही तो कोई उनके shares खरीदेगा नही।

  • Company को अपना Business Grow करना हो तब जरूरत हो सकती है
  • कोई लियाबिलिटी (कर्ज) हो जो वो चुकाना चाहती हो, (शरते लागू)
  • पहले वाले investor बाहर निकालना चाहते हो,

और भी बहुत सारे कारण हो सकते है।

IPO लाने की प्रकिया (Process) क्या है?

Step- 1 Hire an investment bank

अगर किसी company को IPO निकालना है तो वो investment bank को Hire करती है। investment bank को merchant बैंक भी बोला जाता है।

investment bank जो main बड़ी बैंक होती है उनकी investment bank भी होती है जेसे ICICI, HDFC, SBI, Axis bank etc. ये सारी banks IPOs लेके आते है किसी company का। 

कोई भी कंपनी को अगर किसी बैंक को Hire करना है तो वो उस बैंक कि..

  • Reputation & Track record मतलब उस बैंक ने कितनी कंपनी के IPOs बाहर निकले है, IPOs से कितना पैसा एकठा किया है?, मार्केट मे उस बैंक का क्या नाम है। ये सब देखती है
  • Quality & Research देखती है जिसमे वो company की valuation केसे करती है? Pricing केसे रखती है ये सब। केसी है retailer marketing केसी करता है।
  • Prior relationship अगर कोई ख़ास क़रीबी इंसान हो तो।
  • Distribution Expertise देखती है जिसमे वो बैंक का कितनी company के साथ tie up (connection) है, उसकी marketing कंपनी का होता है उस बैंक से तो उसके hire करती है।

ये सारी बाते देख कर Hire करती है।

Step- 2 Due Diligence & filling

किसी company ने अगर कोई bank को hire किया है अब next स्टेप है Due Diligence & filling का मतलब सारी formalities करना जिसमे legal processer होती है जिसमे नीचे दिये स्टेप्स आते है।

  1. Underwriting
  • Firm commitment

Firm commitment मतलब अगर कोई बैंक बोल रही है कि हम 1000 करोड़ मार्केट्स से raise करके देगे उसकी गारंटी देती है तो वो अगर उससे कम पैसा मिलता है तो बाकी का वो company भर के देगी ओर ज्यादा होगी raise होती है तो वो खुद ले लेगी। 

  • Best Efforts Commitment.

इसमे बैंक बोलती है कि हम आपका valuation, pricing ओर distribution करगे अपना बेस्ट देगे लेकिन पता नही कितना raise होगा, उसकी गारंटी हम नही देगे।

  • syndicate Underwriting

अगर कोई कंपनी का IPO size बहुत बड़ा हो तो एक बैंक उसको सँभाल नही पाएगी इसलिए वो बहुत सारी बैंक को छोटे छोटे हिस्सो मे बाट देगी। की एक बैंक 1000Cr का करेगी, दूसरी 2000cr का ऐसे करके थोड़ा थोड़ा हिस्सा दे देगी।

  1. Red Herring Prospectus

Red Herring Prospects एक Document होता है जिसमे सारी details लिखी जाती है company के बारे में जैसे-

  • Business & promotes Details
  • Competitive Advantage
  • Capital Structure
  • Future Business Plans
  • Risks & opportunities
  • Past Financial Data

कोई भी इंसान IPO मे तभी Invest करता है जब उस कंपनी के बारे मे जानेगा इसलिए Red Herring Prospects मे सारी कंपनी की Details आएगी ओर ये document बनाने का  काम Investment Bank का है।

  1. Compliances & Filling

IPO Public करने से पहले Company को सब के जो act है, rules है वो follow करने होते है तो ये भी process Investment Bank करती है। जिसकी इसमे expertise होती है। 

  • SEBI
  • NSE/BSE
  • Securities Contract (Regulation) Act
  • Companies Act

ये सारे regulation ओर act को follow करना होता है।

Step- 3 Pricing

  • Valuation of company 

Valuation of company मे कंपनी की value निकालते है जेसे 10000 करोड़। अब बैंक ये total वैल्यू का 

20% हम लेगे मतलब 20% 10000 करोड़ का  2000 करोड़ बेच देगी funding के लिए। ओर 80% company के पास रहेगा। तो 20% public कर देगे।

  • Issue Size

issue size यानि total कितने share कितने price मे IPO मे बेचने को रखा है वो size। उपर के exmaple मे जो 2000 करोड़ है वो Issue size हो गया 

  • Issue Price

2000 करोड़ बहुत बड़ी रकम है तो ये 2000 करोड़ अब अलग अलग share बनाके हिस्सो मे बाट देगी। जेसे 200 Rs. का एक share। अब जिसको जीतने share लेने है वो per share 200 Rs। देने होगे

  • No of shares to be issued

Rs 200 का एक शेयर है तो total 2000 करोड़ /200 Rs. तो 10 करोड़ shares मे issue होगा।

  • Lot Size

Lot size मतलब कोई इंसान चाहता है की मुजे सिर्फ एक शेर चाहिए तो ऐसा नही होता एक lot होता है की कम से कम आपको इतने शेर खरीदने पड़ेगे या उससे ज्यादा। मान लिजीय कोई कंपनी ने lot size 50 shares है तो आपको कम से कम 50 shares लेने होगे।

  • Min investment

Lot size के shares को उसकी price से multiply करके जो amount आता है। इतने का इनवेस्टमेंट करने का होता है।

Example – 50 shares*200 Rs पर share = 10000 Rs minimum investment पड़ेगा। अब यहाँ Depend करता है कि कंपनी का शेयर कितने का है..!

दो method से pricing होती है।

a) Fixed price issue

कंपनी अपनी price fix रखती है उसमे कोई बदलाव नही करती। फिर investment हो या ना हो। इस method मे बहुत problem होती है। क्यूकी pricing ठीक से ना हुए हो। valuation ज्यादा हुए हो। तो आजकल ये price method नही चलती।

b) Book Building Issue.

  • Price Band

Price band मे दो अलग अलग price होते है। investor bank ये price से अलग अलग institutional के पास जाती है ओर पता लगती है की वो किस प्राइस मे खरीदेगे फिर उसके हिसाब से प्राइस डिसाइड होता है।

जेसे Rs। 180-200 Rs तो जो कम price होती है वो Floor Price ओर ज्यादा वाली Cap Price।  इन दोनों प्राइस मे 20% का maximum Difference हो होना चाहिए।

4. Distribution

अब pricing हो गयी अब Distribution (बेचना-(sale)) होता है। QIBs (Qualified institutional Buyers) जो Mutual funds, pension funds… जो बहुत सारा पैसा manage करते है। ओर Non institutional Investors ओर retail investor जो ज्यादा पैसा इन्वेस्ट करते है उनको bulk quantity मे बेचा जाता है।

जिनको को भी लगता है की ये कंपनी की growth अच्छी है, ओर future अच्छा है तो बहुत सारे application आ जाती है। 

5. Allotment of Shares

जो भी application आती है उसको अलग अलग करके शेर allot करते है इसमे QIBs को 50%, Non institutional को 35% ओर retail investor को 15% allot होता है लेकिन over application मे अलग तरीके से होता है।

6. listing in shares Exchange –

Share allotment के बाद BSE OR NSE जिसमे भी listing करनी है उसमे लिस्ट 

आशा करता हूँ आप सभी को हमारा ये आर्टिकल पसंद आया होगा और आपको समझ आगया होगा कि आईपीओ क्या होता हैं

FAQ

कुछ सवाल जो आपके दिमाग में आये होंगे

IPO का फुल फॉर्म क्या होता हैं?

IPO का फुल फॉर्म Initial public offering होता हैं

IPO कैसे ख़रीदे?

आज के समय में आप घर बैठे आईपीओ के लिए Apply कर सकते हैं आप किसी भी Brokerage App की हेल्प से आईपीओ में अप्लाई कर सकते है जो बहुत ही सरल होता हैं
हम आपको Suggest करेंगे कि आप Upstox Application से Apply करे क्युकी इसमें Apply करना बहुत ही Simple हैं

IPO क्या होता है?

अगर किसी कंपनी को fund की जरूरत होती है तो वो IPO लाती है और आप उस IPO से कंपनी के share ले के कंपनी के हिस्सेदार बन सकते है.

IPO मे Apply करने के लिए कितनी investment चाहिए?

IPO मे apply करने के लिए 10 से 20 हज़ार की जरूरत होती है जिससे आपको 1 lot मिलता है जिसमे बहुत सारे share होते है।

IPO मे Lot क्या होता है?

कंपनी जब IPO लाती है तो 1-1 share नही देती वो एक लॉट बनती है किसमे बहुत सारे share होते है जेसे की 15-20 share का एक लॉट तो ये जो 15-20 share का 1 बकेट होता है उसको लॉट कहा जाता है

IPO मे lot size क्या होता है?

Lot size यानि सारे share को 1 एक 1 लॉट बनके बहुत सारे lot बना लेते है जिसको lot size कहा जाता है। जेसे 1 लॉट 15 share का तो 15 share करके 200 से 300 जीतने लॉट बनाते है। वो लॉट size है।

One Comment

  1. Thank you sir Bahot acchi jankari de aapne Hindi me mee 5 sal jo dundh Raha tha o 5 minut me mil gaya fir se thank you sir says:

    Thank you sir acchi jankari mili aapse

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