Share Market मे Upper Circuit और Lower Circuit क्या होता है?
Hello!! अगर आप share market मे नए है तो आपने Upper Circuit और lower circuit के बारे मे जरूर सुना होगा इसलिए आज हम आपको Upper Circuit और lower circuit क्या होता है? वो बताएगे।
Share market मे SEBI का regulation होते है ताकि लोग इसमे Tips और अफ़फाओ के चक्कर मे कोई share की price बहुत कम या ज्यादा न कर सकते और रातो रात करोड़पति या रातो रात गरीब ना हो जाए।
In This Post
- 1 Share market मे Circuit क्या होता है? | What Is Circuit In Share Market In Hindi?
- 2 Share Market मे Upper Circuit क्या होता है? | What Is Upper Circuit In share market In Hindi?
- 3 Share market मे Lower Circuit क्या होता है? | What is Lower Circuit in share market in Hindi?)
- 4 Circuit क्यू लगाया जाता है?
SEBI हर दिन के लिए सारे share के लिए Price की limit लगा रखी है। उसको Circuit कहा जाता है। यानि की अगर इतने नीचे या इतना उपर तक एक दिन मे जा सकता है उससे नीचे या उपर गया तो उस share की trading बंध हो जाता है। यानि कोई वो share मे trading नही कर सकता।
India के share market की Circuit limit 10-15-20% है। यानि कोई share की price 10% Down जाती है तो ट्रेडिंग start रहती है 15% मे भी स्टार्ट रहती है लेकिन जैसे ही 20% Down गया तो उस share की trading आज पूरे दिन नही होगी।
Upper Circuit यानि किसी share की price 10-15-20% तक उपर जाती है तो जैसे ही एक कंपनी की लिमिट है और उसकी price 20% up होगी तो उस कंपनी के share की ट्रेडिंग पूरे दिन के लिए बंध हो जाएगी।
जैसे के Tata Motors के Share 11 मार्च 2022 को 400 INR मे ट्रेड हो रहा है और Circuit limit 15% है तो जैसे ही तो उस दिन उसके 15% उप हुआ यानि की 460 Price पे आया तो Tata motors के share उस दिन के लिए ट्रेडिंग नही होगी लेकिन दूसरे दिन वो फिर से start हो जाएगा अगर वो मार्केट खोलने के बाद ही 15% up हो जाता है तो वहा पे भी upper Circuit लग जाएगा और पूरे दिन उसकी trading नही होगी।
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Upper Circuit कैसे लगता है?
Upper Circuit किसी कंपनी की तब लगती है जब किसी कंपनी के बारे मे कोई अच्छी खबर आई हो और उससे सारे लोग वो share खरीदने लगते है फिर ज्यादा price मे trading होती है फिर price बढ़ जाता है इसलिए market को price control मे रखने ने के लिए Upper Circuit लगाना होता है।
जब कंपनी Dividend या Bonus share का फेसला लेती है तो भी ज्यादा लोग share लेते है जिससे उनको वो फाइदा मिले।
Lower Circuit यानि किसी कंपनी के share price जो Limit है उससे Down हो जाए तो Lower Circuit लग जाता है। सारी कंपनी की Circuit limit अलग अलग होती है। Lower Circuit की limit भी 10-15-20% है।
अगर एक example से देखे तो HDFC बैंक के share price 1500 चल रहा है और वो किसी News या अफ़फाओ की वजह से लोग अपने share बेच रहे है और इसलिए उसके प्राइस कम हो रही है 10% डाउन गया फिर 15% डाउन गया तो अब 15% अगर उसकी लिमिट है तो जैसे ही 15% Down जाता है तो उस Share की Trading पूरे दिन के लिए बंद हो जाती है। फिर दूसरे दिन start हो जाती है।
Lower Circuit कैसे लगता है?
Lower circuit लगने का कारण किसी कंपनी के share का लगातार Price कम होना है और price तब कम होता है जब किसी कंपनी के बारे मे बुरी news आई हो या कंपनी का मुनाफा कम हुआ हो या promoter का कुछ गलत news आया हो। की कोई गपला किया हो या कुछ भी जो कंपनी पे गलत असर करता है तो price कम होता है।
Upper या Lower Circuit कब तब लगी रहती है?
Upper Circuit या lower Circuit हर दिन के लिए होती है इसलिए वो एक दिन की ही होती है। दूसरे दिन फिर से नॉर्मल Trading Start हो जाती है लेकिन अगर दूसरे दिन भी Upper या Lower Circuit लग जाता है तो फिर से उस share की trading बंद हो जाती है।
क्या Upper Circuit या lower Circuit से market बंद हो जाता है?
Upper Circuit या Lower Circuit किसी कंपनी पे लगती है इसलिए पूरे दिन वो कंपनी के share की trading बंद होगी लेकिन पूरा market start ही रहेगा। दूसरे कंपनी के share की trading स्टार्ट ही रहेगी।
Circuit क्यू लगाया जाता है?
Upper या lower Circuit का होना जरूरी है क्यूकी इससे price control मे रहता है और Speculation से बचाने के लिए और कंपनी की value के लिए ये नियम है। नही तो लोग जूठी खबरे फैला के अपना फ़ायदा या किसी और को नुकसान करा देगे।