Share market मे Option chain क्या है– ऑप्शन चेन को कैसे समझें?

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Option chain kya hai aur kaise samjhe: Option trading में ऑप्शन चेन एक बहुत ही पावरफुल टूल है जिसे देखकर बहुत सारे ट्रेडर options में ट्रेडिंग करते हैं. और लाखो रूपय कमाते है।

बहुत बड़े-बड़े ट्रेडर option chain data analysis करके ही ट्रेडिंग करते हैं इसका मतलब है कि अगर आप भी ऑप्शन चैन डेटा को पढ़ना और analysis करना सीख जाते हैं तो आप भी ऑप्शन चेन डेटा के द्वारा ट्रेडिंग करके अच्छा पैसा कमा सकते हैं।

Option chain क्या होती है?

option chain एक चार्ट होता है जो अलग-अलग स्ट्राइक प्राइस के कॉल और पुट options का डाटा दिखाती है। ऑप्शन चैन डाटा analysis करके आप अपनी ट्रेडिंग accuracy को बढ़ा सकते हैं. F&O ट्रेडिंग में ऑप्शन चेन एक पावरफुल टूल की तरह काम करती हैं जिससे आपको सभी जरूरी डेटा एक जगह पर मिल जाता है।

Option chain analysis in hindi–

  • दूसरे शब्दों में, ऑप्शन चेन कॉल और पुट ऑप्शंस के स्ट्राइक प्राइस की एक चेन होती है जो ओपन इंटरेस्ट, वॉल्यूम, लास्ट ट्रेडेड प्राइस (LTP), Bid और Ask प्राइस, IV यानी Implied volatility चीजे दिखाती है।

कुछ लोगों के लिए ऑप्शन चेन को समझना बहुत डरावना होता है क्योंकि जब हम पहली बार (NSE) की वेबसाइट पर जाकर ऑप्शन चेन का डेटा देखते हैं तो हमें बहुत सारे Numbers दिखाई देते हैं जिन्हें देखकर आप कोई भी नया ट्रेडर डर सकता है जिसे ऑप्शन चैन की बिल्कुल भी समझ नहीं है।

लेकिन चिंता मत कीजिए आज मैं आपको ऑप्शन चैन इतनी सरल भाषा में समझा दूँगी कि इस पोस्ट को पढ़ने के बाद आपको ऑप्शन चेन क्या होती है इसके बारे में किसी से पूछने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

Option chain in hindi–

अभी के लिए आप बस इतना समझ लीजिए कि ऑप्शन चेन एक ऐसा डाटा होता है जो आपकी ट्रेडिंग accuracy बढ़ाने मदद कर सकता है मतलब अगर आप ऑप्शन चेन डेटा का अच्छे से Analysis करना सीख जाते हैं तो आपकी ज़्यादातर trade Profitable होगी।

इसीलिए अगर आप ट्रेडिंग में सफल होना चाहते हैं तो आपको ऑप्शन चैन Analysis जरूर सीखना चाहिए।

ऑप्शन चेन कैसे काम करती है?

शेयर मार्केट ट्रेडिंग में ऑप्शन चेन एक पावरफुल टूल के रूप में काम करती हैं जिसका उपयोग बड़े-बड़े ट्रेडर्स करते हैं। ऑप्शन चैन के द्वारा आप एक ही जगह पर बहुत सारा महत्वपूर्ण डाटा देख पाते हैं जो आपको इंट्राडे ट्रेडिंग या ऑप्शन ट्रेडिंग करने में बहुत मदद करता है।

ऑप्शन चैन डाटा कैसे देखें?

  • ऑप्शन चेन डाटा देखने के लिए आपको सबसे पहले गूगल पर ‘NSE option chain‘ लिखकर सर्च करना है।
  • सबसे पहली वेबसाइट आपको NSE की दिखेगी उस पर क्लिक कर दें।
  • अब NSCऑप्शन चैन का मुख्य पेज खुल जाएगा।
  • Left side में आपको दिखेगा ‘View option contract for’ यहां से आप इंडेक्स जैसे NIFTY, BankNifty आदि की पूरी ऑप्शन चैन का डाटा देख सकते हैं।
  • अगर आप किसी स्टॉक की ऑप्शन चैन देखना चाहते हैं तो उसी के बगल में आपको ‘Select Symbol’ विकल्प दिखेगा जिसमें से आप किसी भी stock को सेलेक्ट करके उसका पूरा ऑप्शन चेन डाटा देख सकते हैं।

तो इस तरीके से आप निफ्टी, बैंकनिफ्टी या किसी भी stock का option chain data आसानी से देख सकते हैं।

आइए अब जानते हैं कि beginners ऑप्शन चेन को कैसे समझ सकते हैं–

ऑप्शन चेन को कैसे समझें?

ऑप्शन चेन को समझने के लिए आपको स्ट्राइक प्राइस को अच्छे से समझना होगा. सबसे पहले आपके मन में सवाल आना चाहिए कि ऑप्शन चेन में दो शब्द हैं ‘ऑप्शन’ और ‘चेन’ ऑप्शन के बारे में तो हम सभी जानते हैं कि दो प्रकार के ऑप्शन होते हैं– कॉल ऑप्शन और पुट ऑप्शन.

लेकिन इसमें चेन शब्द क्यों जोड़ा गया है?

  • ऑप्शन चेन में ‘चेन’ शब्द इसीलिए जोड़ा गया है क्योंकि Call और Put options के बहुत सारे डेटा हमें एक chain के रूप में दिखाई देते हैं चाहे वह स्ट्राइक प्राइस हो, वॉल्यूम हो, ओपन इंटरेस्ट हो, Bid Ask Qty हो, इन सभी डेटा की एक पूरी चेन बन जाती है इसीलिए इसको ऑप्शन चैन बोला जाता है।

जो कॉल और पुट ऑप्शन्स आप ऑप्शन ट्रेडिंग में ट्रेड करते हैं उनके बहुत सारे स्ट्राइक प्राइस होते हैं और प्रत्येक स्ट्राइक प्राइस के सामने अलग-अलग डाटा दिखाई देते हैं जैसे– Volume, open interest, IV, Bid Qty, Ask, Qty, change in OI आदि।

उदाहरण के लिए–

जैसे निफ्टी या बैंक निफ्टी का जो करंट प्राइस होता है उसे ऑप्शन चैन में ATM यानी At The Money ऑप्शन बोला जाता है.

मान लीजिये अभी निफ्टी 18200 पर चल रहा है तो इसका ATM स्ट्राइक प्राइस भी 18200 होगा

लेकिन ATM के अलावा ITM (In the money) और OTM (Out the money) स्ट्राइक प्राइस भी होते हैं.

जैसे अगर मार्केट अभी 18200 पर चल रहा है तो इनके OTM होंगे 18300, 18400, 18500, 18600, 18700…. यह सभी OTM स्ट्राइक प्राइस हैं जिनकी ऊपर की ओर बहुत लंबी चेन बन जाती है.

इसी प्रकार इसी 18200 वाली NIFTY के ITM होंगे 18100, 17900, 17800, 17700, 17600…..यह सभी ITM स्ट्राइक प्राइस हैं जिनकी नीचे की ओर बहुत लंबी चेन बन जाती है.

और ATM (At the money) को ऑप्शन चैन डाटा में बीच (center) में रखा जाता है.

जब लाइव मार्केट में Nifty का प्राइस चेंज होता है हो उसके ATM, ITM और OTM भी बदलते रहते हैं।

ये जितने भी ITM, ATM और OTM स्ट्राइक प्राइस हैं इन सभी के सामने आपको सभी स्ट्राइक प्राइस के अलग-अलग ओपन इंटरेस्ट, वॉल्यूम, Bid price, Ask price आदि दिखाई देते हैं।

इस प्रकार इन सभी डेटा की एक बहुत बड़ी चैन बन जाती है और इसीलिए आपको ऑप्शन चैन के डेटा में बहुत सारे नंबर दिखाई देते हैं क्योंकि हर स्ट्राइक प्राइस के सामने अलग-अलग जो row और colume होते हैं उनमें उस स्ट्राइक प्राइस का अपना एक अलग डाटा दिखता है।

Option chain में क्या क्या आता है?

ऑप्शन चैन डेटा में Call और Put दो साइड होती हैं. Strike Price वाला कॉलम बीच में होता है और आपको Left side कॉल ऑप्शन का डेटा दिखता है और Right side पुट ऑप्शंस का डाटा दिखता है।

ऑप्शन चैन को अच्छे से समझने के लिए सबसे पहले आपको उन सभी डाटा के बारे में पता होना चाहिए जो ऑप्शन चैन के चार्ट पर आपको दिखाई देते हैं.

जब आप एनएसई पर ऑप्शन चैन का data देखते हैं तो आपको कॉल और पुट दोनों तरफ यह सभी कॉलम दिखाई देते हैं–

  • OI
  • CHNG IN OI
  • Volume
  • IV
  • LTP
  • CHNG
  • BID QTY
  • BID PRICE
  • ASK PRICE
  • ASK QTY

ये 10 कॉलम आपको Call और Put दोनों तरफ दिखाई देते हैं और बीच में स्ट्राइक प्राइस वाला कॉलम होता है मतलब ऑप्शन चैन डेटा में Total 10+10+1 = 21 कॉलम होते हैं।

ऊपर जो 10 कॉलम बताए गए हैं इन सभी के बारे में आइए एक एक करके जान लेते हैं क्योंकि अगर आपको ऑप्शन चैन को अच्छी तरह से समझना है तो इन सभी के बारे में जानना बहुत जरूरी है–

OPEN INTEREST

  • ओपन इंटरेस्ट यह है दिखाता है कि call या put options में लोगों ने कितनी पोजीशंस बना रखी है।
  • ऑप्शन चैन में ओपन इंटरेस्ट का डाटा हमेशा Lot में लिखा रहता है.
  • मतलब अगर किसी स्ट्राइक प्राइस के सामने 20 लिखा है तो इसका मतलब है कि अगर निफ्टी की ऑप्शन चैन खुली हुई है तो आप सभी जानते हैं कि निफ्टी के एक लॉट में quantity होती हैं
  • इसलिए किसी स्ट्राइक प्राइस के सामने अगर ओपन इंटरेस्ट 20 लिखा है तो इसका मतलब है कि 20 लॉट यानी 20×50 = 1000 मतलब उस स्ट्राइक प्राइस के call या put option में 1000 पोजीशन हुई है अब यह निर्भर करता है कि वह कॉल तरफ है या पुट तरफ।

CHNG IN OI (Change in Open Interest)

  • यह भी लॉट में लिखा रहता है। CHNG IN OI का मतलब है कि कितनी positions में बदलाव हुआ है.
  • अगर call तरफ से 1000 positions घटकर put तरफ चली जाती है तो call तरफ CHNG IN OI में –1000 दिखाई देगा और Put तरफ इसमें 1000 दिखाई देगा।
  • मैं आपको दोबारा बता दूं कि प्रत्येक स्ट्राइक प्राइस के लिए यह डेटा अलग होगा।

VOLUME

  • वॉल्यूम का मतलब होता है कि कितने लोगों ने ओपन इंटरेस्ट में अपनी positions बना रखी हैं।

IV (Implied volatility)

  • IV किसी call या put ऑप्शन की expected volatility को दर्शाती है.
  • मतलब Implied volatility आपको बताती है कि किसी कॉल या पुट ऑप्शन में कितनी ज्यादा वोलैटिलिटी हो सकती है.
  • options की pricing में IV बहुत जरूरी फैक्टर होता है।
  • अगर मार्किट में ज्यादा IV वोलैटिलिटी ज्यादा है तो ऑप्शन के प्राइस मंहगे हो जाते हैं।
  • अगर 20 से नीचे IV है तो समझ लीजिए कि options fairly valued हैं, 30 से ऊपर जाने पर overpriced हो जाते है जहां options के premium बहुत बढ़ जाते हैं।
  • IV को ATM पर देखना सही होता है. इससे आपको अधिक accurate डेटा मिलेगा।
  • अधिकतर 12 में 10 महीनों में IV 20 से नीचे ही होती है।
  • यह बजट के समय बढ़ बहुत जाती है क्योंकि उस समय market में uncertainity बहुत ज्यादा होती है।
  • ध्यान रखिये जिसकी IV कम है उसे मत खरीदो…इसे इंट्राडे में buy करना रिस्की होता है क्योंकि वहाँ ऑप्शन सेलर्स active होते हैं।

LTP

  • यह उस particular स्ट्राइक प्राइस का Last Traded Price होता है मतलब यह बताता है कि उस स्ट्राइक प्राइस का प्रीमियम लास्ट बार कितने प्राइस पर ट्रेड हुआ था।
  • LTP हर सेकंड चेंज होता रहता है क्योंकि options के buy या sell होने से प्रीमियम की कीमत भी ऊपर नीचे होती रहती है।

CHNG

  • LTP में होने वाले बदलाव को यह कॉलम दर्शाता है।

BID QTY

  • Bid Qty से हमें पता चलता है कि लोगों ने उस strike price के लिए कितने bid place की है मतलब कितने BID Order लगाए गए हैं।

BID PRICE

  • Bid price का मतलब होता है कि buyer किस प्राइस पर खरीदने को तैयार है.

ASK PRICE

  • Ask price का मतलब होता है कि seller किस प्राइस पर बेचने को तैयार है.

ASK QTY

  • इससे हमें पता चलता है कि लोगों ने उस strike price के लिए कितने Ask order place किये है।

STRIKE PRICE

  • यह कॉलम पूरी ऑप्शन चैन में सबसे बीच में होता है. जबकि ऊपर बताए गए 10 कॉलम Call side भी होते हैं और Put side भी.
  • मतलब वे सभी कॉलम call और put दोनों के लिए अलग-अलग होते हैं जबकि स्ट्राइक प्राइस वाला कॉलम सिर्फ एक होता है।
  • यह कॉलम सबसे महत्वपूर्ण होता है क्योंकि पूरी ऑप्शन चैन का डाटा स्ट्राइक प्राइस से ही जुड़ा होता है।
  • किसी भी स्टॉक, निफ्टी या बैंकनिफ्टी सभी का एक ही ATM होता है जबकि आईटीएम (ITM) और ओटीएम (OTM) बहुत सारे हो सकते हैं।

ऊपर आपने जितने भी कॉलम के बारे में समझा इन्हीं सब कॉलम के डाटा से मिलकर ऑप्शन चैन बनती है।

इसके अलावा मैं आपको एक चीज और क्लियर कर देना चाहता हूं क्योंकि इसके बारे में कुछ लोगों को confusion हो सकता है।

जब आप NSE की वेबसाइट पर जाकर किसी इंडेक्स या स्टॉक की ऑप्शन चैन खोलते हैं तो आपने देखा होगा कि कुछ numbers आपको yellow यानी पीले कलर के बैकग्राउंड में दिखाई देते हैं जबकि कुछ white कलर के बैकग्राउंड में।

Option chain analysis in hindi

इन्हें देखकर कुछ लोगों का doubt होता है कि आखिर ऑप्शन चेन में कुछ numbers पीले कलर में होने की क्या वजह है?

  • आपको बता दूं कि जो numbers आपको पीले कलर में दिखते हैं वह सभी आईटीएम (ITM) स्ट्राइक प्राइस के डेटा होते हैं जबकि सफेद कलर वाले सभी ओटीएम (OTM) स्ट्राइक प्राइस के numbers होते हैं।
  • Call की तरफ ITM के numbers ऊपर की ओर होते हैं जबकि Put साइड ITM के numbers नीचे की ओर होते हैं।

आशा करता हूं अब आप धीरे-धीरे ऑप्शन चैन को समझ पा रहे होंगे कि आखिर यह क्या दर्शाती है और ऑप्शन चैन डाटा देखकर आपको क्या पता चलता है।

अब तक आपको इतना तो पता चल गया होगा कि ऑप्शन चैन का डेटा ट्रेडिंग के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है।

ऑप्शन चैन डाटा देखकर क्या पता चलता है?

ऑप्शन चैन डाटा देखकर आप यह पता कर सकते हैं कि आज मार्केट किस रेंज में ट्रेड करेगा, निफ्टी या बैंकनिफ्टी ऊपर जाएगा या नीचे, इसके अलावा ऑप्शन चैन डाटा एनालिसिस करने से आपको कई जरूरी सपोर्ट एंड रेजिस्टेंस लेवल भी पता चलते हैं।

इसके अलावा ऑप्शन चैन डाटा देखकर आपको पता चलता है कि किस स्ट्राइक प्राइस पर कितने लोग बैठे हैं और उस स्ट्राइक प्राइस का क्या रेट चल रहा है और उस strike प्राइस पर ओपन इंटरेस्ट कितना है।

अगर आपको option chain देखकर सपोर्ट और रेजिस्टेंस लेवल का पता करना चाहते हैं तो आप नीचे दिए गए स्टेप्स फॉलो कर सकते हैं–

  • सबसे पहले आपको आपको वह स्ट्राइक प्राइस ढूंढना है जिसका ओपन इंटरेस्ट सबसे ज्यादा हो, (call और put दोनों तरफ का देखें)
  • कोशिश करें कि जिस स्ट्राइक प्राइस पर मार्केट चल रहा है उससे बिल्कुल नजदीक का सबसे ज्यादा ओपन इंटरेस्ट वाला स्ट्राइक प्राइस देखें।
  • ज्यादा ओपन इंटरेस्ट वाला स्ट्राइक प्राइस देखने के बाद आपको पता चल जाएगा कि उससे अधिक पर प्राइस जाना मुश्किल है मतलब उसे आप रेजिस्टेंस मांग सकते हैं, यह पहला रेजिस्टेंस है इसी प्रकार इस स्ट्राइक प्राइस से just कम ओपन इंटरेस्ट वाला स्ट्राइक प्राइस दूसरा रेजिस्टेंस होगा.
  • इसी तरह आप put तरफ भी सबसे ज्यादा ओपन इंटरेस्ट वाला स्ट्राइक प्राइस देखकर सपोर्ट पता कर सकते हैं।
  • लेकिन ध्यान रहे इन दोनों में आपको करंट मार्केट प्राइस यानी ATM के नजदीक वाला ओपन इंटरेस्ट देखना है।

Option Chain Analysis क्या होता है?

स्ट्राइक प्राइस के ओपन इंटरेस्ट का एनालिसिस ही ऑप्शन चैन एनालिसिस कहलाता है। ऑप्शन चैन एनालिसिस करने के लिए आपको अलग-अलग स्ट्राइक प्राइस के ओपन इंटरेस्ट को ध्यान से analyse करना होता है।

आइए समझते हैं कि–

ऑप्शन चेन एनालिसिस कैसे करें? (Option chain Analysis in hindi)

ऑप्शन चेन डाटा का एनालिसिस करने के लिए आपको ऑप्शन चेन के प्रत्येक डेटा का बारीकी से एनालिसिस करना होगा। ऑप्शन चैन का डाटा analyse करने के लिए मैंने नीचे कुछ जरूरी points पता है जिन पर आपको अवश्य गौर करनी चाहिए।

मैं आपको पहले ही बता दूं कि नीचे दिए गए points आपको थोड़े advance और complicated लग सकते हैं इसीलिए आप इसे skip करके अगले section पर बढ़ सकते हैं–

  • देखो की चेंज इन ओपन इंटरेस्ट (CHNG IN OI) कॉल में ज्यादा है या पुट में.
  • देखो कि call की IV ज्यादा है या put की, जिसकी IV ज्यादा है उसे buy करलो.
  • जिसकी IV कम है उस तरफ मत जाओ. अगर IV टूट रही है मतलब OPTIONS की selling हो रही है।
  • Change in OI देखो कि कॉल में ज्यादा चेंज हो रहा है कि पुट में, फिर दोनों का PCR (Put Call Ratio) निकालो… अगर 1 से ज्यादा है तो buy कर सकते हैं।
  • ध्यान रखिए आपको केवल कुछ ही strike का डेटा combine करके PCR निकालना है।
    नजर रखो कि हर 5 मिनट में डेटा कितना चेंज हो रहा है।
  • PCR slope देखो, uptrend है तो call खरीदो और downtrend है तो put खरीदो।
  • कुछ stocks जैसे– Tata steel, reliance, hidalco, ICICI bank इनमें लिक्विडिटी काफी अच्छी होती है।
  • तो जिन स्टॉक्स में लिक्विडिटी ज्यादा है उसमें ऑप्शन चैन एनालिसिस बहुत अच्छे से काम करती है।

इस लेख (Option chain in hindi) में मैंने आपको बताया है कि Option chain क्या होती है, ऑप्शन चेन कैसे काम करती है, option chain kaise samjhe.

अगर आप ऑप्शन ट्रेडिंग में beginner हैं तो इस पोस्ट से आपको बहुत कुछ सीखने को मिला होगा।

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