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Forex Trading क्या है? फॉरेक्स ट्रेडिंग कैसे करे?

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अगर आप share market मे trading करते है तो आपको forex trading के बारे मे सुना होगा लेकिन अगर आपको नही पता तो मे बताऊँगी की Forex Trading क्या है? और कैसे की Forex Trading की जाती है कितना रिस्क होता है? और कितना मुनाफा होगा सब कुछ जानेगे।

दुनिया के सभी देशों की एक करेंसी होती है जैसे भारत का रुपया, अमेरिका का डॉलर, जापान का येन, ब्रिटेन का पाउंड इत्यादि इन सभी की एक कीमत होती है जो बाजार में Demand And Supply के आधार पर कम ज्यादा होती है

आपने अकसर न्यूज़ में सुना होगा की आज रुपये 0.40 पैसा गिर गया, आज रुपये 0.50 पैसा बढ़ गया जब रूपया कम या ज्यादा होता है तो कुछ लोग इसे कम दाम पर खरीद कर ज्यादा होने पर बेच देते है

इसे ही फोरेक्स ट्रेडिंग या करेंसी ट्रेडिंग कहते है।  Forex Market इस दुनिया का सबसे बड़ा मार्किट है इसमें रोजाना 6 ट्रिलियन डॉलर से ज्यादा की ट्रेडिंग होती है 

In This Post

Forex Trading क्या होता है? | Forex Trading Kya Hai In Hindi 

Forex Trading Kya Hai, दोस्तों Forex Trading  में फॉरेक्स का सामान्य अर्थ होता है कि विदेशी मुद्रा , और एक्सचेंज का मतलब होता है अदला-बदली जिस से मिलकर बनता है  Foreign+exchange जिसका सामान्य सा अर्थ होता है कि विदेशी मुद्रा का अदला-बदली,  या विनियम विदेशी मुद्रा विनियम 

तो इस शब्द के माध्यम से अर्थ निकालकर हम कह सकते हैं कि Forex Trading  विदेशी मुद्राओं की अदला बदली या विनियम करने का नाम है 

जब उन करण सिंह का मार्केट में भाव ज्यादा होता है तब उन्हें बेचा जाता है और जब प्राइस नीचे जाती है तब उन्हें वापस खरीदा जाता है 

तो ऐसे में फॉरेक्स ट्रेडर टेक्निकल एनालिसिस करते हैं और फंडामेंटल एनालिसिस करके बहुत ही गहरा अध्ययन करते हैं

जिससे वह करंसी प्राइस के बारे में पता लगाते हैं और उनकी पोजीशन के बारे में पहले से ही जानकारी रखते हैं समय आने पर अच्छा मुनाफा कमाते हैं

  •  Example : A Forex trade example In Hindi  

दोस्तों जैसा कि मान लेती है आप आज के समय अमेरिका घूमने गए हैं और आप अमेरिका में खर्चा करने के लिए अपने भारतीय रुपए लेकर जाते हैं

जैसे आपको पता है कि अमेरिका में भारतीय रुपया नहीं चलता है तो आप वहां पर एक्सचेंज में जाते हैं और ₹80 का $1 के हिसाब से आप $100 खरीद लेते हैं जो आपको पड़ेंगे लगभग ₹8000 के 

मान लीजिए आप का सारा खर्चा बहुत कम हुआ है और 1 महीने में आपने खर्चा किए केवल $50 और 1 महीने बाद आप वापस आ रहे हो

तब वापसी में एक डॉलर की कीमत लगभग हो जाए ₹85 तब आपको $50 पर ₹5 के हिसाब से फायदा हो जाएगा हर $1 पर आपको ₹5 फायदा होगा

इस प्रकार से आप $50 के ऊपर आपको ₹250 का फायदा हो जाएगा ऐसे ही Forex Trading  में आपको इंडिया में बैठकर विश्व की विभिन्न करेंसीओं में ट्रेड करना होता है 

किसी भी विदेशी मुद्रा या करेंसी की वैल्यू फॉरेक्स मार्केट में डिमांड एंड सप्लाई के ऊपर निर्भर करती है जब इंटरनेशनल मार्केट घर में किसी भी देश की मुद्रा की ज्यादा आवश्यकता होती है

तब उस देश की मुद्रा का मूल्य बढ़ जाता है जैसे कि अमेरिकन डॉलर पूरे विश्व में अपनाया जाता है और इसकी एक स्थिरता बनी रहती है   

इस प्रकार से किसी भी विदेशी मुद्रा को भारत में बैठकर खरीदना और उसे समय आने पर मुनाफे में बेचना Forex Trading  कहलाती है

आप इसे इंटरनेट की सहायता से कहीं पर भी बैठकर कर सकते हैं लेकिन इसमें आपको इन्वेस्टमेंट करनी होगी 

Forex Trading Value in Hindi – फॉरेक्स ट्रेडिंग की मार्केट वैल्यू कितनी है ?

फॉरेक्स ट्रेडिंग मैं ध्यान देने वाली बात यह है कि फॉरेक्स ट्रेडिंग में उतार-चढ़ाव बहुत ही कम मात्रा में होता है तो आपको इस उतार-चढ़ाव के बीच में ही अपना पैसा बनाना होता है

और हमें फायदा भी उतना ही होता है जितना हमारा पैसा इनमें इन्वेस्ट होता है,फॉरेक्स ट्रेडिंग में मार्केट का उतार-चढ़ाव केवल 1% और 2% के  मध्य ही चलता रहता हैमतलब इसमें रिस्क बहुत ही कम है

फॉरेस्ट ट्रेडिंग में फॉरेक्स मार्केट की वैल्यू 5 ट्रिलियन डॉलर की है  इसका मतलब यह है कि Forex Market में जो लेनदेन होती है फॉरेक्स ट्रेडिंग होती है

उसकी वैल्यू हमारे NSE , BSE  अर्थात जो हमारे देश के दो मुख्य एक्सचेंज हैं उनसे कई ज्यादा है इसमें ज्यादा  लाभ कमाने के लिए हमें एक अच्छा पैसा लगाना पड़ता है

Forex trading के अंदर यदि आपके पास में अच्छा पैसा है तो आप इसमें इन्वेस्टमेंट करके एक अच्छी इनकम जनरेट कर सकते हो 

दोस्तों forex  मार्केट सप्ताह में 5 दिन  पूरे 24 घंटे ओपन  रहता है और सिर्फ शनिवार और रविवार वाले दिन इसकी छुट्टी होती है अर्थात यह बंद रहता है आप इन दिनों में कोई भी ट्रेडिंग नहीं कर सकते हो 

फॉरेक्स में रोजाना कितना पैसा ट्रेड किया जाता है?

आज के समय फॉरेक्स मार्केट की टोटल वैल्यू लगभग 5 ट्रिलियन डॉलर की है  मतलब फॉरेक्स मार्केट  की टोटल वैल्यू हमारे NSE BSE के पूरे महीने में हुए लेन देन से कहीं ज्यादा है

इसमें ज्यादा लाभ कमाने के लिए हमें एक अच्छा पैसा लगाना पड़ता है Forex trading के अंदर यदि आपके पास में अच्छा पैसा है तो आप इसमें इन्वेस्टमेंट करके एक अच्छी इनकम जनरेट कर सकते हो 

Forex trading कैसे काम करता है – Forex Trading  कैसे की जाती है?

दोस्तों Forex trading  भी हमारे देश के शेयर मार्केट में होने वाली इक्विटी ट्रेडिंग की तरह ही होता है  जिस प्रकार इक्विटी ट्रेडिंग में हमारे लाभ या नुकसान के लिए हमारे लिए गए किसी भी शेयर के मूल्य बहुत ही ज्यादा मायने रखते हैं या ज्यादा भूमिका निभाता है

इसी प्रकार Forex trading  के अंदर हमारे नुकसान और फायदे के लिए किसी भी विदेशी करेंसी का विनियम दर या Exchange Rate या अंतरराष्ट्रीय बाजार में उसकी बढ़ती हुई या घटती हुई वैल्यू बहुत ज्यादा मायने रखती है   

  • Example के द्वारा समझे: A Forex trade example in Hindi 

माना की कोई अमित नाम का व्यक्ति है जो कि Forex trading मैं रुचि रखता है और वह डॉलर की बढ़ती हुई कीमतों में से फायदा लेना चाहता है 

मान लीजिए उसने 70  के हिसाब से 1000  यूएस डॉलर खरीद लिए हैं जो कि आते हैं ₹70000 के यदि मान लो कल उन में ₹3 की वृद्धि आती है

और जब वह उन 1000 डॉलर को बेचता है तब उसे 73000  रुपये प्राप्त होते हैं forex trading  के अंदर अच्छा मुनाफा कमाने के लिए उसे अच्छी तरह से अंतरराष्ट्रीय बाजार का एक टेक्निकल एनालिसिस करना पड़ेगा

अर्थात अपने लेवल पर उसे एक अच्छी जानकारी हासिल करनी पड़ेगी और उसके बाद कोई निर्णय लेना होगा

Forex Trading  में Technology का प्रभाव: Effect of Technology in Forex trading 

आज के समय पर फॉरेस्ट रेडी करने के लिए आपको तकनीकी सहायता की काली आवश्यकता पड़ती है इसमें आपको मोबाइल लैपटॉप और अन्य सॉफ्टवेयर की आवश्यकता पड़ती है

जिसमें मेटाइट्रेडर फोन करके एक सॉफ्टवेयर होता है जिसमें आपको अकाउंट बनाना है और उसमें आपको फॉरेक्स ट्रेडिंग करनी है, 

और इन सभी को चलाने के लिए एक सही क्रियान्वयन करने के लिए आपको एक तेज इंटरनेट की आवश्यकता होती है

क्योंकि Forex Trading   एक अंतरराष्ट्रीय व्यापार है और उसमें हर मिनट हर सेकेंड में उतार चढ़ाव होते रहते हैं

आज के समय नगद का तो लोग बहुत ही कम यूज करते हैं तो ऐसे में आपको ऑनलाइन पैसे ट्रांसफर करने के लिए इंटरनेट का होना बहुत आवश्यक है और इंटरनेट की मदद से ही आप फॉरेक्स ट्रेडिंग में अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं 

भारत में करेंसी ट्रेडिंग शुरू कैसे करें? | How To Start Forex Trading In India In Hindi?

बहुत सारे लोग पूछते है की क्या भारत में Currency Trading करना Allowed है तो इसका जवाब है, “हाँ भारत में करेंसी ट्रेडिंग करना वैध है

लेकिन भारत में सिर्फ 4 Currency Trading Pairs में ट्रेडिंग की जा सकती है और ये चार Currency Trading Pairs है USD/INR, EUR/INR, GBP/INR JPY/INR. इनमें भारत के रुपये को दुसरे देशों की करेंसी के साथ Trade किया जाता है।

इनके अलावा 3 और Cross Currency Pairs है जिन पर ट्रेडिंग हाल – फिलहाल में ही शुरू हुई है और वे तीन क्रॉस करेंसी पेयर्स है EURO/USD, GBP/USD, USD/JPY लेकिन इनमें ज्यादा Volume नहीं है

और बहुत सारे Stock Brokers ने अभी तक Cross Currency Trading को शुरू भी नहीं किया है। क्रॉस करेंसी पेयर्स में दूसरे देशों की करेंसी को आपस में ट्रेड किया जाता है। 

भारत में करेंसी ट्रेडिंग मुख्य रूप से NSE (National Stock Exchange) करवाता है। Forex Trading करने के लिये किसी भी Stock Broker के पास Trading Account Open करवाना होता है और उसमें पैसे ऐड करके Forex Trading Start की जा सकती है। 

अब यह जान लेते है की भारत में Forex Market Open कब होता है, Forex Trading सोमवार से शुक्रवार, सुबह 9 बजे से शुरू होकर शाम 5 बजे तक की जा सकती है।

Forex Market Time इक्विटी मार्किट की तुलना में ज्यादा होता है।

भारत में करेंसी ट्रेडिंग कैसे काम करता है – Currency Trading In India

भारत में Currency Trading को Futures And Option Market में कराया जाता है। जिसका अर्थ है Currency Contract को एक निश्चित Expiry से पहले खरीद कर बेचना होता है

Currency Contract को अपने मन मुताबिक संख्या में ख़रीदा या बेचा नहीं जा सकता बल्कि पहले से निर्धारित Lot Size में इन करेंसी कॉन्ट्रैक्ट को ख़रीदा और बेचा जाता है। 

1 Lot का मतलब 1000 Units होता है और कम से कम एक 1 Lot को Minimum Purchase करना होता है अगर 1 Lot से ज्यादा खरीदना हो तो 1 के गुना में खरीद सकते है।   

जैसे अगर आपको 1000 Dollar Purchase करना हो तो आप 1 Lot USD/INR का खरीदेंगे क्योंकि 1 Lot में 1000 Dollar होते है, और 2000 डॉलर खरीदने के लिए 2 Lot खरीदने होंगे। 

Online Forex Trading में Currency का 1 Lot खरीदने के लिये पुरे पैसे नहीं देने होते है बल्कि Broker Margin प्रोवाइड करता है मार्जिन एक उधार होता है जो स्टॉक ब्रोकर आपको देता है ट्रेडिंग करने के लिये और ट्रेडिंग करने के बाद वह पैसे ब्रोकर को वापिस चुकाने होते है। 

Forex के 1 Lot में 1000 Units होती है और बिना मार्जिन के खरीदेंगे तो हज़ारों रुपयों की जरुरत होगी जैसे: वर्तमान में 1 US Dollar 70 रुपये का है

और 1000 डॉलर खरीदने के लिये 70*1000 = 70000 रुपयों की जरुरत होगी लेकिन ब्रोकर के मार्जिन देने की वजह से यह बहुत ही कम रुपयों में ख़रीदा जा सकता है। (What Is Forex Trading In Hindi)

Currency के 1 Lot को इस Price में ख़रीदा जा सकता है (Price As of March 2020)

  • USD/INR 1 Lot Price = 1470 Rs.
  • EUR/INR 1 Lot Price = 1880 Rs.
  • GBP/INR 1 Lot Price = 2350 Rs. 
  • JPY/INR 1 Lot Price = 2520 Rs.

मान लीजिये USD/INR की कीमत 70 रुपये पर चल रही है और आप एक 1 Lot USD/INR का खरीदते है जिसके लिये आपको लगभग 1470 रुपये देने होंगे

और कुछ समय बाद USD/INR की कीमत 70.50 हो जाती है तो इसे वापिस बेचने पर आपको 1970 रुपये मिलेंगे जिससे आप 1970-1470 = 500 रुपये का प्रॉफिट कमा लेंगे।   

Forex Trading से पैसा कमाने के लिये क्या करना होगा? (Forex Trading For Beginners)

  • Open Trading Account With Discount Broker
  • Learn Currency Trading Basics
  • Learn Forex Trading Technical Analysis
  • Do Proper Money Management And Maintain Risk To Reward Ratio

क्या भारत में करेंसी ट्रेडिंग करना लाभदायक है? | Is Currency Trading Profitable In India

Forex Market बहुत ही ज्यादा Volatile है इसे Predict करना आसान काम नहीं है। Online Forex Trading से लाभ कमाने के लिये Forex Trading Basic Knowledge होना जरूरी है

इसके अलावा वो सभी कारण जिनसे किसी Currency का Price बढ़ या घट सकता है उसकी जानकारी होनी चाहिये। 

Currency Trading करते समय Stop Loss का इस्तेमाल जरूर करे, Stop Loss आपके लोस्स को बढ़ने से रोकता है करेंसी  ट्रेडिंग से जरूर पैसा कमाया जा सकता है

लेकिन इससे रातो – रात अमीर नहीं बन सकते है

भारत में फॉरेक्स ट्रेडिंग से जुड़ी जरुरी टर्म्स

भारत में करेंसी ट्रेड से संबंधित कुछ विशिष्ट शब्द इस प्रकार हैं:

  1. स्पॉट प्राइस और फ्यूचर्स प्राइस – स्पॉट प्राइस वह कीमत है जिस पर एक करेंसी पेयर वर्तमान में मार्केट में ट्रेड कर रही है। फ्यूचर प्राइस वह मूल्य है जिस पर फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट मार्केट में ट्रेड करता है।
  2. लॉट साइज –  करेंसी ट्रेडिंग बहुत सारे पेयर्स में किया जाता है और विभिन्न पेयर्स के लिए लॉट साइज तय किया गया है। USD / INR, GBP / INR, EUR / INR के लिए, यह 1000 है और JPY / INR के लिए, यह 10000 है।
  3. कॉन्ट्रैक्ट साइकल – एक महीने, दो महीने, तीन महीने से बारहवें महीने तक की करेंसी के फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट के लिए अलग-अलग एक्सपायरी साइकल हैं।
  4. एक्सपायरी डेट – इसमें एक फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट की समाप्ति तिथि निर्दिष्ट है। यह कॉन्ट्रैक्ट महीने का अंतिम कार्य दिवस (शनिवार को छोड़कर) है। कॉन्ट्रैक्ट के ट्रेडिंग के लिए अंतिम दिन अंतिम सेटलमेंट की तारीख या मूल्य की तारीख से दो दिन पहले होगा।
  5. सेट्लमेंट की तारीख – सभी कॉन्ट्रैक्ट के लिए, लास्ट सेट्लमेंट डेट महीने का लास्ट बिज़नेस डे है।
  6. बेस: आधार, फ्यूचर प्राइस और स्पॉट प्राइस के बीच का अंतर है।
  7. बेस = फ्यूचर प्राइस – स्पॉट प्राइस
  8. एक सामान्य मार्केट में, आधार सकारात्मक होता है क्योंकि फ्यूचर प्राइस सामान्य रूप से स्पॉट प्राइस से अधिक होता हैं।
  9. पिप या टिक – पिप प्रतिशत में एक बिंदु के लिए संक्षिप्त रूप है। इसे टिक भी कहा जाता है। पिप एक करेंसी पेयर में परिवर्तन की एक स्टैंडर्ड यूनिट है। पिप सबसे छोटी राशि का प्रतिनिधित्व करता है जिसके द्वारा एक करेंसी क्वोट बदल सकती है। सभी चार करेंसी पेयर, USD / INR, GBP / INR, EUR / INR और JPY / INR के लिए 1 पाइप का मूल्य 0.0025 निर्धारित है।
  10. मार्जिन – एक फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट में प्रवेश करने से पहले, एक प्रारंभिक मार्जिन आवश्यक होती है जिसे ट्रेडिंग खाते में जमा करने की आवश्यकता होती है। फ्यूचर ट्रेडिंग करते समय, हमें बस हर ट्रेड के लिए मार्जिन राशि जमा करने की आवश्यकता होती है। पूरी राशि खाते में होने की आवश्यकता नहीं है। किसी ट्रेडर के लिए यह एक अच्छा लाभ है, अगर मार्केट अपेक्षित दिशा में आगे बढ़ता है।
  11. मार्क टू मार्केट – फ्यूचर मार्केट में प्रत्येक ट्रेडिंग डे के अंत में मार्जिन खाते को प्रबंधित किया जाता है। यह प्रबंधन फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट क्लोजिंग प्राइस के आधार पर ट्रेडर के नुकसान या लाभ को दर्शाता है।
  12. शॉर्ट एंड लॉन्ग पोजीशन – जब कोई ट्रेडर किसी करेंसी में मंदी(बेयरिश) होने पर उसे बेच देगा। इसे शॉर्ट पोजिशन कहते हैं। यदि करेंसी में गिरावट आएगी तो ट्रेडर लाभ कमाएगा।

इसी तरह, जब कोई ट्रेडर किसी करेंसी में तेजी(बुलिश) होने पर यह अनुमान लगाता है कि उसका मूल्य बढ़ जाएगा, तो, वह मुद्रा खरीद लेगा।

यह एक लॉन्ग पोजीशन के रूप में जाना जाता है यदि करेंसी ट्रेडर की अपेक्षाओं के अनुसार जाती है तो इस मामले में ट्रेडर को एक लाभ होगा। 

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