Top 10 Government schemes for startups funding: ऐसे करें अप्लाई

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स्टार्टअप, जिसके द्वारा कई entrepreneur मिलकर अपने प्रोड्क्टड्स या सर्विस को मार्केट मे लाकर अपनी पहचान बनाते हैं, ऐसे ही स्टार्टअप्स के लिए इंडियन गवर्नमेंट ने कई तरह की योजनाएं बनाई हैं जिसमें इन स्टार्टअप्स को फंडिंग (Funding), पिचिंग(Pitching) और अन्य प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती हैं|


आपको ऐसी ही कुछ फंडिंग योजनाओं के बारे में विस्तार से बताया जाएगा जो आपके स्टार्टअप या बिज़नेस के लिए बहुत उपयोगी साबित होगी|

Government schemes for startups funding:

1. Multiplier grants scheme (MGS Funding)

multiplier grants scheme
MGS

डिपार्टमेंट ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एन्ड इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी ने मल्टीप्लायर ग्रांट्स स्कीम लागू की। MGS का उद्देश्य R&D Institutions for Development of Products and Packages को बढ़ावा देना है।

यह स्कीम स्टार्टअप, Incubator, Academic Escalator Projects in Electronics and Information Technology के लिए योग्य है।

व्यक्तिगत उद्योग के लिए प्रति प्रोजेक्ट अधिकतम दो करोड़ की फंड राशि व समय 2 वर्ष निश्चित किया गया है। उद्योगों के लिए चार करोड़ फंड राशि व समय 3 वर्ष निश्चित है।

यहाँ से करे अप्लाई – https://www.meity.gov.in/content/multiplier-grants-scheme

2. एस्पायर स्कीम (ASPIRE Funding)

aspire scheme
ASPIRE

Scheme for Promotion of Innovation Rural Industries and Entrepreneurship, Ministry of Micro Small and Medium Enterprises Government of India के द्वारा लांच की गई।

ASPIREआजीविका पर आधारित बिजनेस incubators और टेक्नोलॉजी बिजनेस incubators को स्थापित करने के लिए फाइनेंशियल सपोर्ट करती है।

एस्पायर का मुख्य उद्देश्य नया रोजगार स्थापित करनाबेरोजगारी को कम करना है और भारत में एंटरप्रेन्योरशिप कल्चर को बढ़ावा देना है।

यहाँ से करे अप्लाई – https://www.startupindia.gov.in/content/sih/en/government-schemes/aspire-scheme-promotion-innovation-entrepreneurship-and-agro-industry.html

3. स्टार्टअप इंडिया सीड फंड स्कीम (SISFS)

startup india seed fund scheme
SISFS

इस स्कीम में स्टार्टअप्स को proof of concept, Prototype Development, Product Trial, Market Entry and Commercialization के आधार पर फाइनेंशियल सपोर्ट किया जाता है।

भारत में योग्य incubator (an organization that helps people to start new companies) द्वारा योग्य स्टार्टअप्स को सीड फंड (Funding) बांटा जाएगा। इनक्यूबेटर्स व स्टार्टअप्स साल भर के लिए “कॉल फॉर एप्लीकेशन” कर सकते हैं। प्रत्येक स्टार्टअप एक साथ तीन incubator पर आवेदन कर सकता है।

यहाँ से करे अप्लाई – https://seedfund.startupindia.gov.in/

4. स्टार्टअप इंडिया इनिशिएटिव (Startup India Initiative)

startup india initiative
STARTUP INDIA INITIATIVE

इस स्कीम को 16 जनवरी 2016 को शुरू किया गया था। स्टार्टअप इंडिया इनीशिएटिव ने एंटरप्रेन्योर्स को सपोर्ट करने, एक मजबूत स्टार्टअप ECO SYSTEM बनाने और भारत को नौकरी चाहने वालों के बजाय नौकरी देने वाले देश में बदलने के उद्देश्य से कई प्रोग्राम शुरू किए है।

इन प्रोग्राम्स का मैनेजमेंट एक समर्पित स्टार्टअप इंडिया टीम द्वारा किया जाता है जो डिपार्टमेंट फॉर इंडस्ट्रियल पॉलिसी एंड प्रमोशन (DPIIT) को रिपोर्ट करती है।

यहाँ से करे अप्लाई – https://www.startupindia.gov.in/content/sih/en/about-startup-india-initiative.html

5. प्रधानमंत्री मुद्रा योजना

pm mudra yojna
PM MUDRA YOJNA

प्रधानमंत्री मुद्रा योजना 8 अप्रैल 2015 को माननीय प्रधानमंत्री द्वारा शुरू की गई। यह नॉन कॉपरेट, नॉनफार्म, स्मॉल/माइक्रो एंटरप्राइजेज को 10 लाख तक का ऋण (Funding) प्रदान करने के लिए शुरू की गई योजना है।

यहाँ से करे अप्लाई – https://www.mudra.org.in/

6. अटल इनोवेशन मिशन (AIM)

atal innovation mission
AIM

अटल इनोवेशन मिशन देशभर में इनोवेशन और एंटरप्रेन्योरशिप को बढ़ावा देने के लिए नीति आयोग द्वारा स्थापित एक प्रमुख पहल है। अटल इन्नोवेशन मिशन का उद्देश्य स्कूल, यूनिवर्सिटी एंड रिसर्च इंस्टीट्यूशंस पर देश भर में इनोवेशन फॉर एंटरप्रेन्योरशिप इकोसिस्टम बनाना व उसको बढ़ावा देना है।

दो मुख्य कार्य :-

  • स्वरोजगार और प्रतिभा के उपयोग के माध्यम से एंटरप्रेन्योरशिप को बढ़ावा देना, जहां इन्नोवेटर्स का सक्सेसफुल एंटरप्रेन्योर्स बनने के लिए सपोर्ट व मार्गदर्शन किया जाएगा।
  • एक ऐसा प्लेटफॉर्म प्रदान करना जहां इनोवेटिव आइडियाज पैदा होते हैं।

यहाँ से करे अप्लाई – https://aim.gov.in/

7. Dairy Processing and Infrastructure Development Fund ( DIDF )

dairy processing and infrastructure development fund
DIDF

यूनियन बजट 2017-18 की घोषणा के परिणामस्वरुप डेयरी प्रोसेसिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड की स्थापना नेशनल बैंक फॉर एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट ( नाबार्ड ) के साथ 3004 करोड रुपए के कोष (Funding) के साथ की गई। यह प्रोजेक्ट मिल्क प्रोसेसिंग प्लांट्स और मशीनरी को आधुनिकीकरण करने और अधिक दूध के लिए अतिरिक्त आधारभूत संरचना का निर्माण करने पर आधारित है।

यहाँ से करे अप्लाई – https://dahd.nic.in/didf

8. Modified Special Incentive Package Scheme (M-SIPS)

modified special incentive package scheme
M-SIPS

MSIP योजना इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम डिजाइन एंड मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र में बड़े पैमाने पर विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए स्पेशल इंसेंटिव पैकेज देती है। मूल रूप से 29 इलेक्ट्रॉनिक वर्टिकल को इस स्कीम के तहत कवर किया गया था और 2015 के संशोधन के बाद इसे अन्य क्षेत्रों में विस्तारित किया गया। योजना के तहत प्रोत्साहन पूंजीगत व्यय के लिए सब्सिडी (Funding) के रूप में है। विशेष आर्थिक क्षेत्रों सेज (SEZ) में निवेश के लिए सब्सिडी 20% है और गैर सेज (SEZ) मे 25% है।
यह गैर सेज इकाइयों के लिए पूंजीगत उपकरणों के लिए सीवीडी/उत्पाद शुल्क की प्रतिपूर्ति का भी प्रावधान करता है।

यहाँ से करे अप्लाई – https://www.meity.gov.in/esdm/incentive-schemes

9. Software Technology Park Scheme

software technology part scheme india
SOFTWARE TECHNOLOGY PARK SCHEME

सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क योजना कंप्यूटर सॉफ्टवेयर के डेवलपमेंट और एक्सपोर्ट के लिए 100% एक्सपोर्ट ओरिएंटेड योजना है, जिसमें कम्युनिकेशन लिंक्स और फिजिकल मीडिया का प्रयोग कर प्रोफेशनल सर्विसेज का एक्सपोर्ट शामिल है।
यह योजना अपनी प्रकृति में अनोखी है क्योंकि यह एक उत्पाद/क्षेत्र यानी कंप्यूटर सॉफ्टवेयर पर केंद्रित है।

यहाँ से करे अप्लाई  https://www.startupindia.gov.in/content/sih/en/government-schemes/software-technology-park-scheme.html

10. Venture Capital Assistant Scheme (VCAS)

venture capital assistant scheme india
VCAS

वेंचर कैपिटल असिस्टेंट स्कीम SFAC द्वारा प्रोजेक्ट के कार्यान्वयन के लिए कैपिटल की आवश्यकता की कमी को पूरा करने के लिए योग्य परियोजनाओं को प्रदान किए गए इंटरेस्ट फ्री लोन के रूप में फाइनेंशियल सपोर्ट है। यह स्कीम फाइनेंशियल भागीदारी के माध्यम से कृषि व्यवसाय परियोजनाओं की स्थापना में इन्वेस्ट करने के लिए एग्रीप्रीन्योरर्स की सहायता करती है।
प्रोजेक्ट डेवलपमेंट फैशिलिटी (PDF) के माध्यम से बैंक योग्य डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट्स (DPRs) तैयार करने के लिए फाइनेंसियल सपोर्ट प्रदान करती है।

यहाँ से करे अप्लाई  http://sfacindia.com/VCA_Scheme.aspx

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