लोन पुराना हो या नया, अगर ब्याज दरें बदली तो क्या होगा आप पर असर? RBI ने बताया

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अगर आपने भी लोन लिया है तो ये खबर आपके बहुत काम की है. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बता दिया है कि चाहे आपका लोन नया हो या पुराना, अगर बैंक की ओर से दरों में बदलाव होता है तो ग्राहकों पर इसका क्या असर होगा. ये बात सभी जानते हैं कि बैंकों की ओर से समय- समय पर दरें बदली जाती है. पिछले कुछ महीनों में कुछ बैंकों ने अपने लेंडिंग रेट्स कम किए हैं, लेकिन जो कम किए हुए रेट्स का फायदा है वो नए ग्राहकों को दिया जा रहा है. पुराने ग्राहक अभी भी ज्यादा ब्याज दर पर ही लोन चुका रहे हैं. तो क्या इसके लिए आरबीआई कुछ करेगा?

नए या पुराने ग्राहकों में से किसको होगा फायदा?

आरबीआई ने इसका जवाब दे दिया है और कहा है कि ब्याज दर का फायदा नए और पुराने दोनों ग्राहकों को मिलता है. जब भी ब्याज दरें दोबारा रीसेट होती हैं तो मौजूदा और नए ग्राहकों को ये फायदा मिलता है. केंद्रीय बैंक ने कहा है कि पॉलिसी में बदलाव की जरूरत नहीं है क्योंकि फ्लोटिंग ब्याज दर की गाइडलाइंस नए और पुराने दोनों ग्राहकों के लिए है.

क्या है फ्लोटिंग ब्याज दर?

जो लोन फ्लोटिंग ब्याज दर से लिंक होते हैं उनकी ब्याज दर बाजार या आर्थिक उतार- चढ़ाव के साथ बदलती रहती है. आसान भाषा में कहें तो फ्लोटिंग इंटरेस्ट रेट लोन का मतलब है कि लोन की ब्याज दर अवधि के दौरान बदल सकती है. आज आरबीआई ने साफ कर दिया है कि फ्लोटिंग ब्याज दर की गाइडलाइंस नए और पुराने दोनों ग्राहकों के लिए लागू हैं. फिक्स्ड इंटरेस्ट रेट में लोन की ब्याज दर पूरी अवधि के लिए पहले ही तय होती है, वहीं फ्लोटिंग रेट ऑफ इंट्रेस्ट के तहत ब्याज दर लोन की अवधि के बीच में बदलती रहती है.

ग्राहक इस बात का रखें खास ध्यान

फ्लोटिंग ब्याज दर पर लोन लेने वालों को सावधान रहना चाहिए क्योंकि इसका नुकसान भी हो सकता है. ग्राहकों के लिए अपना बजट बनाना मुश्किल हो सकता है. फ्लोटिंग ब्याज दर इसका रेट ऑफ इंट्रेस्ट बाजार के हिसाब से चलता है. इसके तहत आपके लोन की किस्त बढ़ती और घटती रहती है. फ्लोटिंग ब्याज दर में आपको कई बार अनुमान से ज्यादा पेमेंट भी करना पड़ सकता है, जिसका असर आपकी फाइनेंसियल प्लानिंग पर पड़ सकता है.

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