स्टार्टअप इंडिया क्या है? भारत में नई क्रांति की शुरुआत
स्टार्टअप इंडिया भारत सरकार की एक प्रमुख पहल है जिसका उद्देश्य देश में स्टार्टअप्स और नये विचारों के लिए एक मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करना है जिससे देश का आर्थिक विकास हो और बड़े पाए पर रोजगार के अवसर उत्पन्न हों।
स्टार्टअप एक इकाई है, जो भारत में पांच साल से अधिक से पंजीकृत नहीं है और जिसका सालाना कारोबार किसी भी वित्तीय वर्ष में 25 करोड़ रुपये से अधिक नहीं है। यह एक Unit है जो Technology या intellectual property से प्रेरित नये उत्पादों या सेवाओं के innovation, विकास, expansion या व्यवसायीकरण की दिशा में काम करती है।
सरकार द्वारा इस संबंध में घोषित कार्य योजना स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र के सभी aspects को संबोधित करने और इस आंदोलन के प्रसार में तेजी लाने की उम्मीद करती है।
startup india:-
1.स्टार्टअप्स के लिए धन की व्यवस्था।
सरकार प्रति वर्ष 2500 करोड़ रुपये की एक seed fund और 4 साल की अवधि में कुल 10,000 करोड़ रुपये की Fund की स्थापना करेगी।
2.स्टार्टअप्स के लिए क्रेडिट गारंटी।
स्टार्टअप्स के लिए वेंचर लोन उपलब्ध कराने के लिए बैंकों और अन्य उधारदाताओं को प्रोत्साहित करने के लिए, राष्ट्रीय क्रेडिट गारंटी ट्रस्ट कंपनी (NCGTC) के माध्यम से क्रेडिट गारंटी तंत्र / सिडबी द्वारा प्रति वर्ष 500 करोड़ के बजट का प्रावधान अगले चार साल के लिए करने का विचार किया जा रहा है।
3.कैपिटल गेन पर कर में छूट।
स्टार्टअप्स में निवेश को बढ़ावा देने के लिए सरकार उनको कैपिटल गेन में छूट देगी जिनको वर्ष के दौरान Capital लाभ हुआ है और जिन्होंनें सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त फंड ऑफ फंड्स में इस तरह के पूंजीगत लाभ का निवेश किया है ।
4.स्टार्टअप्स को तीन वर्ष के लिए टैक्स छूट।
भारत में स्टार्टअप्स की working capital आवश्यकता को संबोधित करने, विकास को प्रोत्साहित करने और उन्हें एक प्रतियोगी मंच प्रदान करने के लिए स्टार्टअप्स के मुनाफे को 3 वर्ष की अवधि के लिए कर से मुक्त रखा जाएगा।
5.उचित बाजार मूल्य पर निवेश में टैक्स छूट।
स्टार्टअप्स में incubators (A business incubator is an organization that helps startup companies and individual entrepreneurs to develop their businesses) द्वारा निवेश पर निवेश कर से मुक्त रखा जाएगा।
6.innovative नई खोज के प्रदर्शन & सहयोग मंच प्रदान करने के लिए स्टार्टअप उत्सवों का आयोजन।
भारत में स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने के लिए सरकार नें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्टार्टअप उत्सव शुरू करने का प्रस्ताव किया है। यह संभावित निवेशकों, consultants और साथी स्टार्टअप्स को सम्मिलित करते हुए एक Comprehensive जन समुदाय के समक्ष उनके काम और विचारों का प्रदर्शन करने के लिए एक मंच होगा।
7.अटल अभिनव मिशन (AIM) का स्व रोजगार और प्रतिभा उपयोग (सेतु) प्रोग्राम के साथ लॉन्च।
यह विशेष रूप से technology driven areas में विश्व स्तर के नवाचार हब, भव्य चुनौतियां, स्टार्टअप कारोबार और अन्य स्वरोजगार गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए एक मंच के रूप में काम करेगा।
8.incubators सेटअप के लिए निजी क्षेत्र की विशेषज्ञता का उपयोग।
सरकार सार्वजनिक निजी भागीदारी में देश भर में incubators की स्थापना के लिए एक नीति और ढांचे का निर्माण करेगा।
9.राष्ट्रीय संस्थानों में अभिनव केंद्रों की स्थापना।
देश में अनुसंधान एवं विकास के प्रयासों में वृद्धि के लिए सरकार राष्ट्रीय संस्थानों में नवाचार और उद्यमिता के 31 केन्द्रों की स्थापना करेगी। छात्रों द्वारा स्टार्टअप्स को प्रोत्साहित करने के लिए 13 केन्द्रों को 50 लाख रुपये की वार्षिक वित्त सहायता 3 साल के लिए प्रदान की जायेगी।
10. IIT मद्रास में स्थापित अनुसंधान पार्क की तर्ज पर 7 नये अनुसंधान पार्कों की स्थापना।
शिक्षाविदों और उद्योग के संयुक्त अनुसंधान एवं विकास के प्रयासों के माध्यम से सफल नवाचारों का विकास करने के लिए सरकार 100 करोड़ रुपये प्रति संस्थान के आरंभिक निवेश के साथ संस्थानों में 7 नए अनुसंधान पार्क की स्थापना करेगी। ये अनुसंधान पार्क आई आई टी मद्रास में स्थापित अनुसंधान पार्क की तर्ज पर होंगे।
11.biotechnology sector में स्टार्टाअप्स को बढ़ावा देना।
भारत में biotechnology sector एक मजबूत विकास के पथ पर है। biotechnology sector वर्ष 2000 तक 2020 स्टार्टाअप्स की स्थापना करने के लिए प्रति वर्ष करीब 300-500 नये स्टार्टअप्स की स्थापना के लिए प्रयासरत है।
12.छात्रों के लिए अभिनव केंद्रित कार्यक्रमों की शुरुआत।
सरकार युवा छात्रों के बीच अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देगी और इसके लिए कार्यक्र्मों जैसे अभिनव कोर, निधि (एक भव्य चुनौती कार्यक्र्म), उच्चतर आविष्कार योजना आदि की शुरुआत की है। शुरुआत में ये योजनायें केवल आईआईटी के लिए लागू होंगी और प्रत्येक परियोजना 5 करोड़ रुपये तक की हो सकती है।
13.वार्षिक इनक्यूबेटर ग्रैंड चैलेंज।
incubators एक प्रभावी स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करने के लिए प्रारंभिक चरण में स्टार्टअप्स की पहचान करने और उन्हें अपने जीवन चक्र के विभिन्न चरणों में समर्थन देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। सरकार पहले चरण में विश्व स्तर के इन्क्यूबेटरों के निर्माण की दिशा में निवेश करने का प्रस्ताव कर रही है। शुरुआती लक्ष्य ऐसे 10 इन्क्यूबेटरों की स्थापना करना है।
इसके लिए सरकार विश्व स्तरीय बनने के लायक 10 संभावित इन्क्यूबेटरों की पहचान करेगी। इनमें से प्रत्येक को वित्तीय सहायता के रूप में 10 करोड़ रुपये दिये जायेंगे और ये इस तरह के अन्य इन्क्यूबेटरों के लिए संदर्भ मॉडल बनेंगे। इसके बाद इनको स्टार्टअप इंडिया पोर्टल पर प्रदर्शित किया जाएगा। ऐसे इन्क्यूबेटरों की पहचान के लिए ग्रैंड चैलेंज प्रतियोगिता आयोजित की जायेगी और इसे वार्षिक रुप से जारी रखा जाएगा।