Floating Interest क्या है? कैसे आपको Floating interest से ज्यादा Loan Interest चुका रहे हो?
Floating rate यानि की जो rate स्थिर नही रहता वो rate। Floating rate साल भर मे उपर नीचे होता रहता है जिससे आपके loan मे या deposit मे भी असर पड़ता है। Floating rate कम ज्यादा होता रहता है और जीतने लोन लेने वाले लोग है उन लोगो को भी नुकसान होता होगा क्यूकी Floating Rate की वजह से rate बढ़ जाता है इसलिए ज्यादा interest देना होगा।
Floating Rate क्या होता है? (what is Floating Rate?)
Floating rate यानि की व्याज दर मे उतार चढ़ाव होना। जो Fix rate का बिलकुल उल्टा है। Floating Rate होने की वजह से FD के interest मे भी बदलाव होता है तो अभी आपको FD मे ज्यादा interest मिलता है और कभी कम।
FD मे हर तीन महीने interest मिलता है इस वजह से आपको ज्यादा फ़ायदा होता है। क्यूकी 3 महीने मे तो rate change होते रहते है। इसलिए FD मे भी interest मे उतार चड़ाव होता रहता है। साथ मे लोन मे भी अगर आपका व्याज फिक्स नही है फ्लोटिंग है तो आपको भी ज्यादा interest देना पड़ सकता है या तो कम भी देना पड़ सकता है।
Repo Rate और Reverse Repo rate के बारे मे तो सुना ही होगा। अगर रेपों रेट मे change होता है तो बाकी सब मे change होता है जैसे की लोन के रेट मे saving account के rate मे और FD के rate मे।