अपना Business कैसे Start करे? | How To Start Own Business In Hindi?

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आज कल भारत सरकार start-up और business को start करने के लिए बहुत support कर रही है और बहुत सारे लोग को अपना business start करना है,

अगर आपको भी कोई startup launch करना है या business स्टार्ट करना है तो आज मे आपको सारे detail मे step बताउगी जिससे आप अपना start-up या business खोल सकते है।

कोई भी business या start up start करने के लिए सिर्फ idea और business model से ही हम कुछ नही कर सकते उसके लिए आपको बहुत सारी process करनी होती है

सही मायानों मे business को खड़ा करने के लिए registration कराना पड़ता है, उसके बाद भी अलग अलग tax और form भरने पड़ते है।

एक proper business बनाने के लिए, तो आज हम बताएगे की आपको कोनसे कोन से steps follow करने है

अपना Business खोलने की प्रक्रिया? (Process of starting business)

यहा आपको सारे step है जिसको follow करके आप अपना बिज़नस या start up start कर सकते है।

आपको क्या करना है वो Clear रखे? (Clear Your Aim)

कोई भी चीज़ शुरू करने के लिए आपको पता रहना चाहिए की आपको करना क्या है?

अगर आपको कोई business करना है तो वो भी clear रखना है की कोन सा business करना है और वो retail मे करना हे या Wholesale मे करना है?

और अगर आपको पता है की आपको कोनसा business या startup शुरू करना है तो आपके जैसे जो दूसरे business है उनको study करिए

ये तो था की कोई business चल रहा है उसके जेसे business की बात लेकिन अगर आप कुछ करने की सोच रहे है

जिसको करने मे आपको मजा आए तो आप को अपना interest/passion का पता करे फिर उसके बाद उसके related कोनसे business है जो पहले से है उसको देखे की किसी एक ही Field मे लोग क्या क्या अलग कर रहे है और आप क्या कर सकते है?

अगर आपका सब Clear है की क्या करना है तो आप कुछ वक़्त तक  सारी information निकाले की वो business करने के लिए क्या business model है,

कैसे वो लोग काम कर रहे है साथ ही उनलोग की service या product मे क्या कमी है लोग क्या क्या expiation और कर रहे है वो भी analysis करे और वो चिज़े अपने मे जरूर अप्लाई करे जिससे आपकी product या service और better हो।

उसके बाद अपना business का plan तैयार करे की आपको जो start करना है उसमे 1 साल तक कितना खर्चा होगा, किन किन चीज़ों पर होगा, आपको कितनी investment करनी होगी और business चलाने के लिए working capital कितनी चाहिए सरा कुछ budget बना दो।

Budget बनाने के बाद अब उसका प्लान करे की इतने पैसे आपके पास कहा से आएगे friend, family, bank loan सारा कुछ उसका प्लान बना दे। और हो सके तो bank से loan मत ले और थोड़े पैसे से business करने का सोचे।

कैसे करे Business Register? (How to Register Your Own Business?)

सारे लोग का मकसद अलग अलग होता है तो सारे लोग एक ही Type का Business नही करते है तो business के भी बहुत सारे तरीके हम जो तरीके की बात कर रहे है

वो कपड़े का business, किराने का business, गाड़ी का business ये सारे तरीके के नही है, Business को Register करने तरीके की बात कर रहे है तो वो भी आपके Business पे Depend करता है।

Business Register करने के तरीको मे नीचे दिये गए तरीके आते है जिसको Business Entities कहते है।

Business Entities/ Business Register कराने के तरीके

  • Sole Proprietorship

Sole Proprietorship यानि एक ही इंसान जो खुद business चला रहा है वो। हमारे यहा बहुत सारे लोग sole proprietorship चलते है जो भी आपको दुकाने देखने को मिलती है दूध की दुकान, किराने की दुकान, gift की दुकान वगेरा सारी Proprietorship है।

इसमे सारा प्रॉफ़िट और और लॉस खुद को होता है। यानि सब के लिए आप ही जिमेदार है।

Proprietorship मे Government के सारी Registration कम करनी पड़ती है और सबसे easy ये ही होता है।

आपको अपना business register कराने के लिए municipality या ग्राम पंचायत जो भी आपके यहा लागू होता है वहा register करा सकते है।

Registration के लिए RS.1000-2000 खर्चा होगा। वो 1-2 दिन मे registration  हो जाता है। 

अगर आपका business छोटा है, और आप कभी ऐसा प्लान नही करना चाहिते बड़े business का तो आपके लिए ये ठीक है। 5-10 लोग है आपके business मे तो solo proprietorship चलता है।

  • One person company (opc)

अगर आप अपने business को और खुद को अलग रखना चाहते है तो आप one person company मे रजिस्टर कर सकते है जिससे अगर आपको करोड़ों का loss भी हुआ तो आप खुद जिमेदार नही है की अब आपको अपनी सारी मिलकत को बेचके payment करना होगा।

Sole Proprietorship मे आप खुद जीमदार है जो भी हो उसके लिए। OPC से आप अलग रजिस्टर करके अपने आपको और business को अलग रख सकते है।

OPC की registration fee 6000 के आसपास आती जो हर state मे अलग अलग होती है। इसके registration मे आपको 5-10 दिन लग सकते है और आप खुद अपनी कंपनी के director और share holder होगे।

अगर आप अपने नामे से बिज़नस कर रहे है तो आपके नामे के पीछे Pvt. Ltd (opc) add हो जाएगा।

  • Private limited company (Pvt. Ltd.)

Private limited company एक बहुत ही मशहूर प्रकार है जो आज कल ज्यादा देखने को मिलता है। Private limited company मे अगर आपका business बड़ा है risk ज्यादा है तो ये type का register कर सकते है और अपने साथ partners जोड़ सकते है।

Private limited company मे कम से कम 2 share holder और 2 director होने ही चाहिए तो ही आप इस type का registration करा सकते है। private limited company मे ज्यादा से ज्यादा 200 share holder रख सकते है

और अगर आपको ज्यादा share holder रखना है तो आप public limited मे register करना होगा। share market जो भी कंपनी होती है वो public limited होती है क्यूकी उनके बहुत सारे share holder होते है।

Private limited company का मकसद ही यही होता है की share holder की limited liability होती है यानि अगर company डूब भी जाती है तो share holder या company के partner को पैसे नही चुकाने।

Private limited company से बहुत सारे फ़ायदे होते है और ये बहुत ज्यादा use होता है औ सबसे ज्यादा trustable यही है अगर आपको loan चाहिए या investor चाहिए तो भी जल्दी मिल जाता है लोन मे भी ज्यादा महेनत नही करनी पड़ती। seeds fund भी इसमे आपको मिल जाता है।

Private limited company को register कराने के लिए Rs.7000 का registration cost आता है। इसको registration होने मे 5-10 लगते है।

ये ज्यादा trustable होती है इसलिए government के regulation ज्यादा होता है और tax मे भी ज्यादा process करना पड़ता है साथ ही अलग अलग tax के registration करना होता है।

  • Limited liability partnership (LLP)

Limited liability partnership कोई मकसद के लिए बनाया जाता है और वो कुछ वक़्त के लिए ही होता है जेसे मकसद पूरा हो जाता है वीसे कंपनी बंद हो जाती है। उसको LLP कहा जाता है।

जेसे किसी contractor को एक hospital बनाने का contract मिला है तो LLP से जो भी engineer, articulator और contractor जो भी है वो उसके लिए एकठे होते है और जब hospital बन जाता है सारा कुछ वो LLP वहा खतम हो जाता है। जिससे limited liability कहा जाता है।

तो ये थे main जो register ज्यादा होते है उसके type अगर आपको बड़े बड़े डील करना है बड़ा business बनाना है तो private limited ज्यादा अच्छा रहेगा आपके लिए और अगर छोटा business है जहा आपको ज्यादा बड़े डील नही करने नॉर्मल business चलाना है तो solo proprietorship आपके लिए अच्छा रहेगा।

अगर आपने decide कर दिया है जी आपको कोनसा registration लेना है तो उसके बाद बात आती है Tax registration जो अलग अलग business के लिए अलग अलग होता है।

Tax Registration

Business register कराने के बाद आपको अलग अलग tax के register कराने होते है। अगर आप उसके लिए labile है तो आएये जानते है की आपको कहा पर registration करना जरूरी हो जाता है।

  • GST Registration

GST Registration जरूरी तो नही है अगर आपका छोटा business है वो आप एक ही city मे करते है तो और 20 लाख* से नीचे का turnover मे जरूरी नही है लेकिन कुछ state मे 10 लाख की भी लिमिट है।

तो कहने का मतलब ये ही की अगर आपका 1 साल मे turnover limit से ज्यादा है तो आपको GST का registration करना जरूरी है। और अगर आप import- export या E-commerce का business करते है तो आपको GST का registration करना ही होता है।

  • Import Export code registration (IEC)

अगर आप import export का business करते है तो आपको Import Export code registration कराना पड़ता है।

  • TAN Registration

TAN registration इसलिए होता है की अगर आपके कंपनी मे जो कम कर रहे है उनका TDS काटने के लिए और सरकार को जमा कराने के लिए ये जरूरी है।

अगर किसी कर्मचारी की salary ज्यादा है और उसका TDS cut होना चाहिए तो वो आपकी responsibility है उसका Tax काट केसैलरी देना और TDS सरकार को जमा करना नही तो आपको उसका tax देना होगा। तो tax cut करने के लिए आपके pass TAN registration होना चाहिए।

  • Professional Tax Registration

Professional Tax registration कुछ जगह लागू होता है। आई कुछ एरिया ऐसे है जहा आपको professional tax registration कराना पड़ता है।

  • Employee State Insurance Registration (ESI)

अगर आपकी कंपनी मे 10 से ज्यादा लोग कम करते है तो आपको Employee state insurance registration भी लेना होता है।

  • Provident fund registration (PF)

अगर आपकी कंपनी मे 20 से ज्यादा लोग कम करते है तो आपको Provident fund registration कराना होता और सैलरी से PF निकाल के PF के account मे जमा कराना होता है और वो कर्मचारी जब कंपनी से निकलता है तो वापिस दिया जाता है और वो इंसान बीच मे जरूरत होने पे उस के PF account मीसे ये amount निकाल सकता है कुछ नियम के साथ।

  • MSME Registration (Udyog Aadhar)

MSME-Micro Small Medium entrepreneurs registration करा जरूरी तो नही है लेकिन अगर आप करा देगे तो आपको बहुत फ़ायदे होगे जेसे लोन लेने मे आसानी, सब्सिडि मिलेगी, कुछ scheme मे benefit भी मीलेगा।

Yearly Compliance

कुछ चिज़े होती है जो हर बिज़नस को करनी ही पड़ती है जिसको बोलते है yearly mandatory compliance जो आपको पूरे साल करना होता है। जेसे के income tax return, GST, filing, accounting, TDS ये सारी चीजे करनी होती है।

  • Income tax return

Income tax return सारे बिज़नस और लोगो को फ़ाइल करना होता है जो भी date आती है तब तक। return तो file करना ही होता है अगर आपकी income basic लिमिट से कम है फिर भी लिमिट से कम होगा तो आपको tax नही होगा लेकिन return file करना होता है।

 जिसमे अगर आपका पहले से tax कूट हुआ है तो आप refund ले सकते है और अगर आपको Rs.10000 से ज्यादा tax आना वाला तो आपको advance मे उसकी payment करनी पड़ती है। नही तो आपको penalty देनी होती है। तो इसमे भी बहुत सारी बाते है लेकिन आप सारा क्कुह अपने आपसे handle नही कर सकते है। तो आप accountant को रखना होगा जो आपके सारे account देखे और tax का भी सारा कुछ देख ले।

  • Accounting

आपको पूरे साल जो भी आपके transaction होते है उसका record रखना होता है जिससे आप अपने business मे क्या चल रहा है कितना प्रॉफ़िट होता है

हर साल कितना profit बढ़ रहा है सारा कुछ accounting से रख सकते है जिससे आपकी balance sheet बनती है और profit and loss और भी बहुत सारे account बनते है।

जिससे आप सारा कुछ maintain कर सकते है आपके यहा का माल का भी record रख सकते है। तो आपको एक accountant रखना होगा जिसको इस सब का knowledge हो और आप business मे ध्यान दे पाओ।

  • GST returns Filling(Monthly & quarterly)

अगर आप के पास GST नंबर है और आप माल समान मे GST भी देते है या collect करते है तो आपको वो जमा कराना होता है जिसकी return file करनी होती है monthly या  quarterly जिस भी type का आपका business है उस प्रकार से।

  • Secretarial compliance (OPC, LLP, Pvt.Ltd.)

Secretarial compliance यानि की अगर आपने as a company register किया है अपने business को तो कुछ चिज़े है जो आपको करना जरूरी ही है। आपको कराना ही होता है

अगर आपकी OPC, LLP, Pvt.Ltd है तो Secretarial compliance मे सारे अलग अलग तरह के record रखा जाता है जेसे meeting के record, director के record बहुत सारी चीजे आती है।

  • Statutory Audit

अगर आपका Turnover 40 लाख से ज्यादा है तो आपको Statutory audit कराना ही पड़ता है जो एक CA करता है।

तो ये थे कुछ step जो आपको पता रहना चाहिए business start करने के लिए तो अगर आपको किसी बारे मे detail मे जानकारी चाहिए तो comment मे आप बता सकते है।

आपको जो भी business करना है अगर आपके business मे Value है यानि की लोगो को कुछ benefit मिलता है तो आपका business अच्छा चलने ही वाला है

और ऐसा business न करे जिससे society एम कोई problem हो जिससे आपको rejection मिले जैसे आपकी factory से आसपास के लोगो को pollution का सामना करना पड़ता है तो आपको ये सब  ख्याल रखना चाहिए।

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