G20: इकोनॉमी को मिलेगी रफ्तार तो भागेंगे ये शेयर, पैसा लगाने से पहले चेक करें लिस्ट

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भारत में G20 की ग्लोबल बैठक से इंडियन इकोनॉमी और शेयर मार्केट में तेजी आने की संभावना है. इससे देश के 4 सेक्टर्स में काफी तेजी आ सकती है. ये सेक्टर हैं- मैन्यूफैक्चरिंग, डिफेंस, ग्रीन एनर्जी और इंफ्रास्ट्क्चर. आइए जानते हैं आप इनसे कैसे कमाई कर सकते हैं.

भारत इस बार G20 की मेजबानी कर रहा है. इस ग्लोबल बैठक में देश विदेश से बड़े मेहमान शामिल होने भारत आ रहे हैं. जहां इकोनॉमी से लेकर कई बड़े मुद्दों पर चर्चा होगी. ऐसे में भारत की डेवलपमेंट स्टोरी के 3डी यानी डेमोग्राफी, डिजिटलाइजेशन और डोमेस्टिक कंजंप्शन पर ध्यान न जाना असंभव है. साथ इस बैठक से इंडियन इकोनॉमी को काफी बूस्ट मिल सकता है. साथ शेयर मार्केट में कुछ ऐसे शेयर हैं जो रॉकेट की रफ्तार से भाग सकते हैं. तो अगर आप भी शेयर मार्केट में पैसा दांव पर लगाकर अच्छा मुनाफा कमाना चाहते हैं तो ये आपके लिए एक शानदार मौका हो सकता है. आइए जानते हैं G20 के दौरान किन शेयर्स में तेजी आ सकती है.

इन चार सेक्टर के शेयर्स में आएगी तेजी

जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के डॉ. वीके विजयकुमार का कहना है कि भारत के के पास बहुत से प्रोफिटेबल सेक्टर्स जिनके शेयर्स G20 बैठक के बाद रॉकेट की रफ़्तार से भाग सकते हैं. इनमे बैंकिंग, आईटी और फार्मास्यूटिकल्स पहले से ही अच्छी तरह परफॉर्म कर रहे हैं और निवेश आकर्षित किया है. वहीं, हाल ही में एक ऐसा सेक्टर जिसने महत्वपूर्ण ध्यान आकर्षित किया है, वह है भारत का डिजिटल इकोसिस्टम और इसकी अभूतपूर्व सफलता. भारत का डिजिटल इकोसिस्टम अब विदेशों में सराहा जाने लगा है. भारत के जी20 के केंद्र में आने के साथ ही इन 4 सेक्टर में तेजी आ सकती है.

Manufacturing- 

सरकार की कोरोना के समय शुरू की गई PLI योजना ने भारत में लार्ज स्केल मैन्यूफैक्चरिंग को लेकर सेंटीमेंट में काफी सुधार किया है. इसे भारत की ग्रोथ स्टोरी को स्ट्रांग करने में भी मदद मिली है. इलेक्ट्रॉनिक्स से लेकर ऑटोमोबाइल तक, निवेशकों ने इस सेक्टर पर विश्वास दिखाया है.

Defense-

पिछले दशक में भारत का डिफेंस पर खर्च 9% की CAGR से बढ़ रहा है और विश्लेषकों का मानना है कि भविष्य में यह नॉमिनल जीडीपी ग्रोथ रेट के साथ बढ़ सकता है. स्टॉक्सबॉक्स के स्वपनिल शाह का कहना है कि सरकार की अनुकूल नीति और 411 उपकरणों के लिए आयात प्रतिबंध के साथ, स्वदेशीकरण लाभ का एक बड़ा हिस्सा घरेलू कंपनियों के राजस्व में अभी तक दिखाई नहीं दिया है. क्योंकि ऑर्डर्स मिलने के बाद एग्जिक्यूशन में समय लगता है. मजबूत आरएंडडी, बड़े स्वदेशी प्लेटफार्म्स के विकास और अनुकूल नीतियों के साथ हम उम्मीद करते हैं कि आयात तेजी से घटेगा और अनुकूल नीतियों के समर्थन से निर्यात का हिस्सा बढ़ेगा.’

Infrastructure-

सड़कों और रेलवे में बड़े निवेश के कारण केंद्र सरकार का बजट कुल पूंजीगत खर्च 10 ट्रिलियन रुपये है, जो वित्त वर्ष 2023 से 37% अधिक है. एचएसबीसी ने कहा, ‘हमें लगता है कि भारत कैपेक्स सायकल के कगार पर है. वास्तविक ब्याज दरों में गिरावट के साथ ग्रॉस फिक्स्ड कैपिटल फॉर्मेशन एक बार फिर से पिछले सायकल्स की तरह गति पकड़ सकता है.’ उन्होंने कहा कि खर्चों की गुणवत्ता में वृद्धि होने की संभावना है, जिसमें राजस्व व्यय की जगह पूंजीगत व्यय पर फोकस होगा.

Green Energy-

रिलायंस इंडस्ट्रीज जैसी कई भारतीय कंपनियों ने ग्रीन एनर्जी में निवेश करना शुरू कर दिया है. इसका फायदा हमें यह होगा कि दूसरे देश सस्टेनेबल एनवायर्नमेंट बनाने के लिए भारत के साथ पार्टनरशिप करने को आगे आएंगे. ग्रीन पोर्टफोलियो PMS के उपाध्यक्ष श्रीराम रामदास ने बताया, ‘जी20 में सदस्यों के बीच चर्चा रिन्यूएबल एनर्जी और पारस्परिक रूप से लाभकारी ट्रेड पॉलिसीज के निर्माण के आसपास घूमेगी, जिससे रिन्यूएबल एनर्जी और मैन्यूफैक्चरिंग से संबंधित कंपनियों को लाभ हो सकता है.

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