Company In Hindi | कंपनी का हिंदी में अर्थ क्या है?
आज के इस लेख में हम कंपनी क्या हैं? कंपनी की आवश्यकता क्यो है? कंपनी के क्या कार्य होते है? आदि से सम्बन्धित सभी विषय पर बारीकि से चर्चा करेगें अगर आप भी कंपनी के बारे में अधिक जानकारी चाहते हैं तो आप इस लेख को बढे़ ध्यानपूर्वक पढे़.
In This Post
- 1 कंपनी का अर्थ | Meaning Of Company In Hindi
- 2 कंपनी क्या है? | What Is Company In Hindi?
- 3 आइए जानते हैं भारतीय कंपनी अधिनियम के अनुसार कंपनी की परिभाषा को
- 4 किसी कंपनी की विशेषताएं क्या हैं?
- 5 भारतीय कंपनी अधिनियम 2013 के अनुसार कम्पनी के प्रकार
- 6 निगमन
- 7 दायित्व
- 8 नियंत्रण
- 9 एकल व्यक्ति कंपनी
- 10 लघु कंपनी
- 11 कंपनी कैसे शुरू करें?
- 12 FAQs: Company In Hindi
कंपनी का अर्थ | Meaning Of Company In Hindi
कंपनी को हम ‘संगठन‘ या ‘संस्था‘ के नाम से भी जानते हैं. कंपनी किसी बिजनेस को विस्तृत करने के लिए बनाई जाती हैं. एक कंपनी में कयी निवेशक हो सकते हैं जो कंपनी के कुछ प्रतिशत भाग के स्वामी या हिस्सेदार होते हैं.
कंपनी क्या है? | What Is Company In Hindi?
एक ऐसा संगठन या संस्था जो किसी बिजनेस को आगे बढा़ने और लाभ कमाने के उद्देश्य से स्थापित की जाती हैं कंपनी कहलाती हैं.
कंपनी के शेयर में निवेश करने वाले निवेशको को शेयर धारक कहते हैं एक कपंनी में अनेक शेयरधारक हो सकते हैं
कंपनी की परिभाषा
आइए जानते हैं भारतीय कंपनी अधिनियम के अनुसार कंपनी की परिभाषा को
“Company एक वैधानिक कृत्रिम व्यक्ति है, जिसका निर्माण भारतीय कंपनी अधिनियम के अंतर्गत हुआ है। इसका अपना पृथक अस्त्तित्व होता है, perpetual succession होता है
और अपनी common seal होती है।” कंपनी अधिनियम 2013 की धारा 2(20) के अनुसार “Company से तात्पर्य उस संस्था से है, जो या तो कंपनी अधिनियम 2013 या फिर किसी पूर्व कंपनी अधिनियम के अंतर्गत निर्मित हुई है।”
किसी कंपनी की विशेषताएं क्या हैं?
किसी कंपनी से जुडी़ विशेषताएं इस प्रकार हो सकती हैं
- कंपनी विधान द्वारा निर्मित कृत्रिम व्यक्ति हैं कंपनी एक कानूनों के द्वारा बनाया गया एक artificial व्यक्ति है और यह हमेशा एक व्यक्ति की तरह कार्य भी करता हैं.
- कंपनी का अपना पृथक अस्त्तित्व होता हैं जो बाकियों से अलग होता हैं.
- कंपनी के पास अपना परपेटुअल सक्सेशन हमेशा ही बना रहता हैं.
- सार्वमुद्रा से हमारा तात्पर्य यह हैं कि प्रत्येक कम्पनी के पास अपनी मौहर या स्टाम्प होती हैं जिस पर कंपनी की पहचान होती हैं
- कंपनी के और उसके कर्मरचारियों के पास कुछ सीमित दायित्व होते हैं
- कंपनी के शेयर को एक्सचेंज या बेचने का अधिकार शामिल होता हैं.
भारतीय कंपनी अधिनियम 2013 के अनुसार कम्पनी के प्रकार
भारतीय कंपनी अधिनियम 2013 के अनुसार कंपनी को कुछ इस तरह विभाजित किया गया हैं, जैसे
- निगमन
- दायित्व
- नियंत्रण
- एकल व्यक्ति कपंनी
- लघु कपंनी
निगमन
आपको बता दे कि निगमन के आधार पर भी कंपनी को कुछ भागो में विभाजित किया गया है –
चार्टर्ड कंपनी (Chartered company)
चार्टर्ड कंपनी से हम समझ सकते हैं कि यह एक ऐसी कंपनी है. जिसका निर्माण किसी राजा के आदेश या राजपत्र द्वारा होता हैं वर्तमान समय में देश में ऐसी कोई कंपनी कार्यरत नही हैं
विधान के द्वारा निर्मित कंपनी (Statutory company)
इस कंपनी का निर्माण एक विधेयक के विधान सभा के दोनों सदनों से पास होने पर ही होता हैं
निगमित या पंजीकृत कंपनी (Incorporated or registered company
वे संस्था जो कंपनी अधिनियम 1956 या उसके बाद के अन्य कंपनी अधिनियम द्वारा पंजीकृत हैं वे सभी निगमित या पंजीकृत कंपनी कही जाएंगी. जैसे टाटा, रिलायंस, विप्रो आदि.
दायित्व
दायित्व के आधार पर भी कंपनी के प्रकार इस तरह है
असीमित दायित्व वाली कंपनी
एक ऐसी कंपनी जो अपने दायित्वों की पूर्ति हेतु सदस्यों के लाभ का भी प्रयोग कर सकती हैं
सीमित दायित्व वाली कंपनी
इस तरह की कंपनी के दायित्वों का क्षेत्र सीमित होता हैं.
गारंटी के आधार पर सीमित दायित्व वाली कंपनी
इस तरह की कंपनी का आशय उन संस्थाओं से हैं जिनके सदस्यों द्वारा किसी आपातकालीन स्थिति में कंपनी को कुछ सहायता देने की गारंटी दी जाती हैं.
अंशों के आधार पर सीमित दायित्व वाली कंपनी
इस तरह की कंपनी को हम ऐसे समझ सकतें हैं कि अगर कोई सदस्य कंपनी के आपातकालीन समय में
तय धनराशि जमा नही कर पाता हैं तो उसे उसकी निजी संपत्ति बैचने हेतु बाध्य नही किया जाएगा. इस तरह की कंपनी 2 प्रकार की होती है –
- निजी कंपनी
- सार्वजनिक कंपनी
नियंत्रण
नियंत्रण के आधार पर कंपनी का वर्गीकरण कुछ इस प्रकार हैं
सरकारी कंपनी
सरकारी कंपनी एक ऐसी संस्था हैं जिसमें सरकार की भागीदारी 50 प्रतिशत या उससे अधिक होती हैं
सूत्रधारी कंपनी
सूत्रधारी कंपनी से आशय ऐसे संस्थान से हैं जिसका अन्य संस्थाओं या कंपनी पर 50 प्रतिशत या उससे अधिक अधिकार या स्वामित्व होता हैं.
सहायक कंपनी
एक ऐसा संस्थान जो अन्य किसी बडी़ कंपनी या सूत्रधारी कंपनी के क्षेत्र में आती हैं ऐसी कंपनी पर किसी अन्य कंपनी का 50 प्रतिशत या उससे अधिक का स्वामित्व होता हैं
सहयोग कंपनी
ऐसी संस्थाए जिनकी किसी अन्य संस्था या कंपनी में 20 प्रतिशत से अधिक अंशधारिता होती है. वे सहयोग कंपनी कही जाती हैं
एकल व्यक्ति कंपनी
एकल कंपनी एक ऐसी संस्था हैं जिसका केवल एक ही मालिक होता हैं ऐसी कंपनी निजी कंपनी के क्षेत्र में आती हैं. इस तरह की कंपनी के सभी छोटे-बड़े अधिकार इसके मालिक के पास ही होते हैं.
लघु कंपनी
एक लघु कंपनी को हम भारतीय अधिनियम 2013 की धारा 2(85) द्वारा समझ सकते हैं जिसमें लघु कंपनी के सम्बन्ध में कहा गया हैं –
- इस तरह की कंपनी की प्रदत्त पूंजी 2 करोड़ तक हैं
- इसका आवर्त कारोबार 20 करोड़ तक है
कंपनी कैसे शुरू करें?
अगर कोई व्यक्ति अपनी कंपनी शुरू करना चाहता है तो उसे , रजिस्ट्रेशन करने लिए सबसे पहले डायरेक्टर इंडेंटेशन नंबर के लिए अप्लाई करना होगा।
- मिनिस्ट्री ऑफ अफेयर्स अफेयर्स की वेबसाइट पर जाकर डायरेक्टर इंडेंटेशन नंबर के लिए ऑनलाइन अप्लाई किया जा सकता हैं.
- इस नबंर को प्राप्त करने में 1 से 2 दिन का समय और कुछ शुल्क भी लग सकता हैं.
- अब आपको डिजिटल सिग्नेचर के लिए अप्लाई करना हैं जिसके लिए 400 रूपये से 2700 रूपये तक के शुल्क का भुगतान करना पड़ सकता हैं.
- अब आप अपनी कंपनी का नाम रजिस्टर करें. और रबर स्टाम्प, बॉन्डकर स्टाम्प, ड्यूटी भरना होगा।
अब आपको कंपनी शुरू करने के लिए कुछ दस्तावेंजो की भी आवश्यकता होगी. - आवेदन की इस प्रक्रिया में 3 से 7 दिन का समय एंव कुछ खर्चा भी अवश्य हो सकता हैं
- अब इन सब के बाद आपको कंपनी का पैन और टैन नबंर मिल जाएगा. जिसे आप डाउनलोड कर लें.
- अब आपको प्रोविडेंट फंड में नामांकन करना हैं
- इसके बाद आपकी कंपनी मेडिकल ऑर्केस्ट्रा आयोजित की जाएगी
- फिर आपकी कंपनी का प्रकार भी सूचीबद्ध किया जाएगा. जिससे पता चलेगा आपकी कंपनी प्राइवेट लिमिटेड, एक व्यक्ति कंपनी या साझेदारी फर्म आदि हैं
FAQs: Company In Hindi
कंपनी और फैक्ट्री क्या एक ही है?
किसी कपंनी में किसी बिजनेस का लेखा-जोखा आदि से सम्बन्धित योजना का निर्माण होता हैं. जबकि फैक्ट्री में किसी कंपनी के प्रोडक्ट का उत्पादन होता हैं.
भारत की शीर्ष कंपनी कौन सी हैं?
कुछ रिपोर्ट और आंकड़ों पर गौर करें, तो भारत की शीर्ष सबसे बड़ी कंपनियां हैं इस प्रकार है.
1) रिलायंस इंडस्ट्रीज
2) टाटा कंसल्टेंसी
3) इंफोसिस
दुनिया में सबसे बेहतरीन कंपनीज कौन सी है?
अगर बात करें दुनिया कि तो कुछ कंपनिया विश्व के बाजारों में अपनी एक खास पहचान बनाएं हुए हैं उदाहरण: सुपरमार्केट, माइक्रोसॉफ्ट और गूगल
भारत की सबसे बड़ी कंपनी कौन सी है?
कुछ रिपोर्ट और आंकडों से यह अनुमान लगाया जा सकता हैं कि भारत की सबसे बड़ी कंपनी रिलांयस इंडस्ट्रीज हैं.