भारत में जूते चप्पलों के लिए आया सख्त कानून, 1 जुलाई के बाद से सरकार करने जा रही है सख्ती
अब जल्द ही आपके जूतों पर BIS का ठप्पा देखने को मिल सकता है। सरकार 1 जुलाई से 24 Footwear उत्पादों पर सख्त नियम लागू करने जा रही है। भारत में अब घटिया क्वालिटी के फुटवेयर नहीं बिकेंगे। 1 जुलाई 2023 से भारत में घटिया क्वालिटी के जूते-चप्पलों के निर्माण और उसकी बिक्री पर रोक लग जाएगी।
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New Foot wear Rule:
देश की Footwear Industry के लिए 1 जुलाई से सख्त कानून लागू होने जा रहे हैं। इसी के साथ ही अब भारत में घटिया क्वालिटी के जूते चप्पलों का दौर भी खत्म हो जाएगा। अभी तक सोने-चांदी से लेकर विभिन्न प्रोडक्ट के लिए लागू होने वाले BIS Standard Footwear पर भी लागू होंगे। Footwear उत्पादों के बड़े और मद्यम स्तर के उत्पादक और सभी आयातकों को 1जुलाई से 24 उत्पादों के लिए अनिवार्य गुणवत्ता Standard का पालन करना होगा। चीन जैसे देशों से खराब गुणवत्ता वाले उत्पादों का आयात रोकने के लिए ये Standard लागू किए जा रहे हैं।
बता दे कि सरकार ने अक्टूबर, 2020 में 24 Footwear एवं संबंधित उत्पादों के लिए QCO (Quality Control Order) को अधिसूचित किया था लेकिन बाद में इसकी समयसीमा तीन बार बढ़ाई जाती रही। इस बार भी Footwear उत्पादक इसे आगे बढ़ाने की मांग कर रहे थे लेकिन सरकार ने इसे एक जुलाई से लागू करने का फैसला कर लिया है।
जानिए कौन से मैन्युफैक्चरर्स पर लागू होगा नियम
फिलहाल ये गुणवत्ता मानक बड़े और Medium स्तर के विनिर्माताओं और आयातकों के लिए ही लागू किए जा रहे हैं लेकिन एक जनवरी, 2024 से छोटे स्तर के Footwear विनिर्माताओं के लिए भी इनका पालन करना अनिवार्य होगा। इस समयसीमा में आगे कोई और छूट नहीं दी जाएगी।
गुणवत्ता नियंत्रण आदेश (QCO) से गुणवत्तापूर्ण Footwear उत्पादों का घरेलू उत्पादन सुनिश्चित हो सकेगा और खराब गुणवत्ता वाले उत्पादों के आयात पर भी लगाम लगेगी। इन Standard में Footwear बनाने में इस्तेमाल होने वाले चमड़े, पीवीसी और रबड़ जैसे कच्चे माल के अलावा सोल एवं हील के बारे में भी निर्देश दिए गए हैं। ये मानक रबड़ गम बूट, पीवीसी सैंडल, रबड़ हवाई चप्पल, स्पोर्ट्स शूज और दंगा-रोधी जूते जैसे उत्पादों पर लागू होंगे।
यहां मिलेंगी परीक्षण की सुविधाएं
क्यूसीओ के दायरे में रखे गए Footwear उत्पादों की कुल संख्या 27 हो गई है। बाकी 27 उत्पादों को भी अगले छह महीनों में क्यूसीओ के दायरे में लाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि BIS की दो प्रयोगशालाओं, Footwear डिजाइन एवं विकास संस्थान (FDDI) की दो प्रयोगशालाओं, केंद्रीय चमड़ा अनुसंधान संस्थान और 11 निजी प्रयोगशालाओं में Footwear उत्पादों के परीक्षण के लिए सुविधाएं तैयार की गई हैं।
BIS ने ‘सार्वजनिक कॉल सुविधा’ शुरू की है जिसके सहारे BIS की पहल, योजनाओं और अन्य मामलों पर अपने सुझाव, सवाल या शिकायत रखे जा सकते हैं। इसके अलावा BIS अपनी वेबसाइट पर एक ऑनलाइन मंच ‘मानक रथ’ भी लेकर आया है जिसपर उपयोगकर्ता अपने विचार रख सकते हैं।