Financial Ratio कितने Types के होते है? | Ratio Analysis In Hindi

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कोई भी कंपनी की हेल्थ जानना हो तो अलग अलग Ratio से आप पता लगा सकते है की कंपनी केसी है उसकी Growth केसी है? और आपको कोई भी कंपनी के बारे मे जानने के लिए आपको उस कंपनी के अलग अलग Ratio के बारे मे जानना चाहिए

Fundamental Analysis करने के लिए आपको Ratio के बारे मे पता होना चाहिए और Fundamental Analysis का ही एक पार्ट Ratio Analysis होता है।

Ratio से आप कंपनी के profitably, short term, long term debt, यानि कंपनी का कर्जा कितना है संपति के मुक़ाबले।, share के price कितने ज्यादा है, या कम है? सारी चीजे Ratio से पता लगती है तो आज हम सारे ratio के अलग अलग type ( प्रकार) के बारे मे जानेगे।

In This Post

Types Of Financial Ratio In Hindi

Profitably Ratio In Hindi

Profitably ratio से कंपनी के profit के बार सकते हो, जेसे प्रॉफ़िट कितना कमा सकती है, कितना जल्दी कमा सकती है?, margin कितना है? Competitor कंपनी के साथ compare कर सकते है उसी की Industries के साथ जेसे Aditya Mutual Fund ओर HDFC Mutual Fund, Profit हमे Income को खर्चो से निकाल कर मिलता है।

तो सबसे Common Ratio है वो है Profit Margin Ratio

Profit Margin Ratio क्या है और कैसे निकले Profit margin ratio?

  • Profit Margin =  Net Profit/Sales Revenue

Profit margin अगर किसी कंपनी की 30% है ओर किसी ओर की 20% है तो 30% वाली कंपनी अच्छी है ये हर कोई जनता है तो जितना ज्यादा ratio होगा वो उतना better है।

कुछ Ratio higher अच्छे होते है कुछ lower तो हम बता देगे की कोनसा ratio कितना अच्छा होता है।

Liquidity Ratio In Hindi

Liquidity ratio यानि कंपनी अपने जो loans है वो कितनी आसानी से चुका सकती है short term मे उस पर है।

Liquidity यानि कंपनी ऐसी न हो को लोन को चुका ना पाय ओर नादार (दिवालिया) ना होना पड़े। जेसे हमारे मे होता है की emergency के लिए पैसे ज्यादा liquidity वाली जगह रखना चाहिए जिससे आपको जल्दी पैसा मिल जाए जेसे बैंक की saving अकाउंट मे। liquidity ratios मे सबसे popular ratio current ratio है।

Current Ratio क्या है? कैसे निकले Current ratio?

Current Ratio –  Current assets/Current liabilities

तो ये ratio कंपनी के assets कितने ज्यादा प्रतिसत है दायित्व से वो दिखाता है तो ये ratio जितना Higher होगा उतना रिस्क कम होगा ओर Better होगा।

Solvency Ratio In Hindi

Solvency ratio, Liquidity ratio की तरह ही होता है फर्क इतना है की इसमे हम long term देखते है वो short term liquidity ratio हम short term के लिए use करते है। ये ratio मे सबसे प्रसिद्ध ratio है debt ratio

Debt Ratio क्या है और कैसे निकाले Debt ratio?

  • Debt ratio= Total Liabilities/Total asset

Debt ratio ये बताता है की asset मे debt का कितना हिस्सा है तो ये जितना high होगा वो ज्यादा risky है ओर कंपनी का ज्यादा Debt Ratio एक बुरी स्थिति बताता है।

Activity Ratio In Hindi

 Activity Ratio यानि कंपनी की काम करने का performance केसा है? जेसे की कंपनी अपनी working capital को ओर long term asset को केसे use करती है ज्यादा production के लिए तो उसको बोलते है।

Inventory Turnover ratio क्या है और कैसे निकाले Inventory turnover ratio?

Inventory turnover ratio= cost of goods sold/ Average inventory

  • 120 लाख/10 लाख= 12 times

120 लाख turnover है जिसमे 10 लाख inventory का use हो रहा है तो 12 बार कोई चीज़ बिक रही है। मतलब की वो inventory का इतना अच्छा use कर रही है जिससे 12 बार आप production करके समान बेच रही है। जितना ज्यादा ये ratio होगा उतना अच्छा होता है।

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Valuation Ratio In Hindi

valuation ratio से आप investment decision ले सकते है। की सही प्राइस किया है investment करने के लिए कंपनी की स्टॉक सही price क्या है ये सब पता कर सकते हो।

EPS क्या है? और EPS कैसे निकाले?

EPS:- Net profit/no of outstanding shares

  • EPS यानि earning per shares की 1 share पर कितना profit आ रहा है वो। दूसरा है PE ratio यानि

PE Ratio क्या है और कैसे निकाले PE ratio?

  • PE ratio(price to earnings ratio)= price of shares/ earning per share

PE ratio बहुत ही ज्यादा सुनने को मिलता है share market मे तो इसका मतलब ये होता है की आप इतने profit के लिए कितना पैसा दे रहे है।

जैसे की एक share की 20 रूपय के profit के पीछे आप कितने का share ले रहे है। यानि की कितना ज्यादा price देके आप share खरीद रहे है।

PE Ratio जितना कम उतना अच्छा ओर ठीक से वैल्यूशन है वो दिखाता है।

तो हमने 5 type के Ratio देखे आगे हम Stock Analysis के लिए ज्यादा Post देखेगे जिसमे आप सारे ratio सीखेगे ओर जुड़े रहे investmentsikho.com पर ज्यादा सीखने के लिए।

तो आज हमने देख लिया की कोनसे कोनसे Types के Ratio होते है ओर उनके एक एक example देख लिया आगे हम Details मे सारे ratio के बारे मे जानेगे। धन्यवाद!

Profit Margin Ratio क्या है?

Profit margin अगर किसी कंपनी की 30% है ओर किसी ओर की 20% है तो 30% वाली कंपनी अच्छी है ये हर कोई जनता है तो जितना ज्यादा ratio होगा वो उतना better है।

कुछ Ratio higher अच्छे होते है कुछ lower तो हम बता देगे की कोनसा ratio कितना अच्छा होता है।

Profit Margin =  Net Profit/Sales Revenue

Profitably Ratio क्या है?

Profitably ratio से कंपनी के profit के बार सकते हो, जेसे प्रॉफ़िट कितना कमा सकती है, कितना जल्दी कमा सकती है?, margin कितना है? Competitor कंपनी के साथ compare कर सकते है उसी की Industries के साथ जेसे Aditya Mutual Fund ओर HDFC Mutual Fund, Profit हमे Income को खर्चो से निकाल कर मिलता है।

Financial Ratio क्या होता है?

कोई भी कंपनी की हेल्थ जानना हो तो अलग अलग Ratio से आप पता लगा सकते है की कंपनी केसी है उसकी Growth केसी है? और आपको कोई भी कंपनी के बारे मे जानने के लिए आपको उस कंपनी के अलग अलग Ratio के बारे मे जानना चाहिए

Ratio से आप कंपनी के profitably, short term, long term debt, यानि कंपनी का कर्जा कितना है संपति के मुक़ाबले।, share के price कितने ज्यादा है, या कम है? सारी चीजे Ratio से पता लगती है

Liquidity Ratio क्या होता है?

Liquidity ratio यानि कंपनी अपने जो loans है वो कितनी आसानी से चुका सकती है short term मे उस पर है।

Liquidity यानि कंपनी ऐसी न हो को लोन को चुका ना पाय ओर नादार (दिवालिया) ना होना पड़े। जेसे हमारे मे होता है की emergency के लिए पैसे ज्यादा liquidity वाली जगह रखना चाहिए जिससे आपको जल्दी पैसा मिल जाए जेसे बैंक की saving अकाउंट मे।

Current Ratio क्या है? कैसे निकले Current ratio?

Current ratio कंपनी के दायित्व से assets कितने ज्यादा प्रतिसत है वो दिखाता है तो ये ratio जितना Higher होगा उतना रिस्क कम होगा ओर Better होगा।

Current Ratio –  Current assets/Current liabilities

Solvency Ratio क्या है?

Solvency ratio, Liquidity ratio की तरह ही होता है फर्क इतना है की इसमे हम long term देखते है वो short term liquidity ratio हम short term के लिए use करते है।

Profit Margin Ratio कैसे निकाले? Profit margin Ratio Formula

Profit margin Ratio निकालने के लिए आपको Net profit को sales revenue से divide करना होगा।

Profit Margin =  Net Profit/Sales Revenue

Current ratio कैसे निकाले? Current ratio formula

Current ratio निकालने के लिए current asset को current liabilities से divide करना होगा।

Current Ratio –  Current assets/Current liabilities

Debt Ratio क्या है और कैसे निकाले Debt ratio?

Debt ratio ये बताता है की asset मे debt का कितना हिस्सा है तो ये जितना high होगा वो ज्यादा risky है ओर कंपनी का ज्यादा Debt Ratio एक बुरी स्थिति बताता है।

जितना ज्यादा Debt Ratio होगा उतना company के लिए खराब स्थिति है।

Debt ratio= Total Liabilities/Total asset

Debt Ratio कैसे निकाले? Debt Ratio formula

Debt Ratio निकालने के लिए Total liabilities को total asset से divide करने से आता है।

Debt ratio= Total Liabilities/Total asset

Activity Ratio क्या है?

 Activity Ratio यानि कंपनी की काम करने का performance केसा है? जेसे की कंपनी अपनी working capital को ओर long term asset को केसे use करती है ज्यादा production के लिए तो उसको बोलते है।

Inventory Turnover ratio क्या है और कैसे निकाले Inventory turnover ratio?

Inventory turnover ratio यानि की किसी एक टाइम period मे inventory को कितनी बार बेचा गया है या बदला गया है

Inventory turnover ratio= cost of goods sold/ Average inventory

120 लाख/10 लाख= 12 times

120 लाख turnover है जिसमे 10 लाख inventory का use हो रहा है तो 12 बार कोई चीज़ बिक रही है। मतलब की वो inventory का इतना अच्छा use कर रही है जिससे 12 बार आप production करके समान बेच रही है। जितना ज्यादा ये ratio होगा उतना अच्छा होता है।

Valuation Ratio क्या है?

valuation ratio से आप investment decision ले सकते है। की सही प्राइस किया है investment करने के लिए कंपनी की स्टॉक सही price क्या है ये सब पता कर सकते हो।

EPS क्या है? और EPS कैसे निकाले?

EPS यानि earning per shares की 1 share पर कितना profit आ रहा है वो।
EPS:- Net profit/no of outstanding shares

EPS formula?

EPS:- Net profit/no of outstanding shares

PE ratio क्या है?

PE ratio बहुत ही ज्यादा सुनने को मिलता है share market मे तो इसका मतलब ये होता है की आप इतने profit के लिए कितना पैसा दे रहे है।

जैसे की एक share की 20 रूपाय के profit के पीछे आप कितने का share ले रहे है। यानि की कितना ज्यादा price देके आप share खरीद रहे है।

PE Ratio जितना कम उतना अच्छा ओर ठीक से वैल्यूशन है वो दिखाता है।

PE ratio कैसे निकाले?

PE ratio(price to earnings ratio)= price of shares/ earning per share

PE ratio full form

price to earnings ratio

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