यस बैंक के Q4 नतीजे: 63% मुनाफा वृद्धि, बेहतर एसेट क्वालिटी, और शेयर में उछाल की उम्मीद

By Roshan Gupta

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यस बैंक ने वित्तीय वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च 2025) के नतीजों में शानदार प्रदर्शन किया है, जिसने निवेशकों का ध्यान खींचा है। बैंक का नेट प्रॉफिट 63.3% बढ़कर 738 करोड़ रुपये हो गया, जो पिछले साल की समान तिमाही में 452 करोड़ रुपये था। मजबूत लोन ग्रोथ, बेहतर एसेट क्वालिटी, और स्थिर नेट इंटरेस्ट मार्जिन (NIM) ने इस प्रदर्शन को और मजबूती दी।

नतीजों के बाद, विशेषज्ञों और X पर निवेशकों ने शेयर में तेजी की संभावना जताई है। आइए, जानते हैं कि यस बैंक के नतीजों में क्या खास रहा और निवेशकों के लिए इसका क्या मतलब है।

यस बैंक के Q4 नतीजों की मुख्य बातें

यस बैंक ने 19 अप्रैल 2025 को अपने Q4 नतीजे घोषित किए, जो विश्लेषकों की उम्मीदों से बेहतर रहे। यहाँ प्रमुख आँकड़े हैं:

  • नेट प्रॉफिट: 738 करोड़ रुपये, जो सालाना आधार पर 63.3% ज्यादा और तिमाही आधार पर 20.6% की वृद्धि दर्शाता है।
  • नेट इंटरेस्ट इनकम (NII): 2,276 करोड़ रुपये, जो सालाना 5.7% की बढ़ोतरी दिखाता है।
  • नेट इंटरेस्ट मार्जिन (NIM): 2.5%, जो पिछले साल की तुलना में सुधरा है।
  • लोन ग्रोथ: लोन बुक 8.1% बढ़कर 2,465 करोड़ रुपये हो गई। यह 5 साल के CAGR (5.85%) से ज्यादा है।
  • डिपॉजिट ग्रोथ: डिपॉजिट 6.8% बढ़कर 2,845 करोड़ रुपये रहा।
  • CASA रेशियो: 34.3%, जो पिछले साल की तुलना में बेहतर है।
  • एसेट क्वालिटी: ग्रॉस NPA 1.6% और नेट NPA 0.3% रहा, जो पिछले साल के 2.0% और 0.9% से काफी कम है।
  • प्रोविजन: 318 करोड़ रुपये, जो तिमाही आधार पर 23% ज्यादा है, लेकिन ग्रॉस स्लिपेज में कमी आई।
  • PPOP (प्री-प्रोविजन ऑपरेटिंग प्रॉफिट): 1,314 करोड़ रुपये, जो सालाना 45.6% की वृद्धि दर्शाता है।

बैंक ने अपने CEO प्रशांत कुमार के नेतृत्व में FY25 को मजबूत ग्रोथ और ग्राहक जुड़ाव के साथ समाप्त किया, जैसा कि @YESBANK ने X पर पोस्ट किया।

शेयर बाजार में हलचल

नतीजे शनिवार को घोषित हुए, इसलिए शेयर बाजार में इसका असर सोमवार (21 अप्रैल 2025) को दिखेगा। शुक्रवार को यस बैंक का शेयर BSE पर मामूली बढ़त के साथ 18.35 रुपये पर बंद हुआ। X पर @IBC24News ने इसे “18 रुपये का बैंकिंग शेयर” बताते हुए सोमवार को तेजी की संभावना जताई। शेयर अपने 52-सप्ताह के उच्चतम स्तर (32.80 रुपये) से 44% नीचे है, लेकिन निम्नतम स्तर (14.10 रुपये) से काफी ऊपर है। पिछले एक साल में शेयर ने 15% रिटर्न दिया है।

विशेषज्ञों की राय

विशेषज्ञों की राय मिश्रित है, लेकिन ज्यादातर नतीजों से उत्साहित हैं:

  • पॉजिटिव: @apnlivehindi ने X पर लिखा कि मुनाफा 64% बढ़ा और NPA में सुधार हुआ, जिससे शेयर में उछाल की उम्मीद है। @grok ने भी शेयर की कीमत बढ़ने की संभावना जताई।
  • चिंताएँ: JM फाइनेंशियल ने ‘सेल’ रेटिंग बरकरार रखी, क्योंकि मार्जिन प्रेशर और सीमित लोन ग्रोथ चिंता का विषय हैं। उन्होंने PAT को 6,081 करोड़ रुपये अनुमानित किया था, जो वास्तविक 738 करोड़ रुपये से काफी ज्यादा था।

अन्य ब्रोकरेज, जैसे आनंद राठी, ने 44% PAT वृद्धि का अनुमान लगाया था, लेकिन वास्तविक 63% वृद्धि ने बाजार को चौंकाया। X पर @CNBC_Awaaz ने इसे “शानदार मुनाफा” बताया।

यस बैंक की रणनीति

यस बैंक ने कई रणनीतिक कदम उठाए हैं, जो इसके प्रदर्शन को मजबूत करते हैं:

  • एसेट क्वालिटी: NPA में कमी और ग्रॉस स्लिपेज में सुधार से बैंक की बैलेंस शीट मजबूत हुई।
  • CASA फोकस: कम लागत वाले डिपॉजिट (CASA) बढ़ाने पर जोर, जिससे मार्जिन सुधरा।
  • डिजिटल बैंकिंग: UPI और मोबाइल बैंकिंग में निवेश से ट्रांजैक्शन वॉल्यूम बढ़ा।
  • लोन डायवर्सिफिकेशन: रिटेल और SME लोन पर फोकस बढ़ा, जिससे जोखिम कम हुआ।

CEO प्रशांत कुमार ने X पर कहा कि बैंक “मजबूत ग्रोथ और मजबूत फंडामेंटल्स” के साथ FY26 के लिए तैयार है।

निवेशकों के लिए सलाह

यस बैंक के शेयर को लेकर विशेषज्ञों की सलाह:

  • खरीदारी: 18-19 रुपये का स्तर खरीदारी के लिए अच्छा है। टारगेट प्राइस 22-25 रुपये (छोटी अवधि) और 30 रुपये (लंबी अवधि)। स्टॉप लॉस 16 रुपये रखें। X पर @grok ने भी शेयर में तेजी की संभावना जताई।
  • होल्ड: मौजूदा निवेशकों को होल्ड करने की सलाह, खासकर अगर कीमत 15 रुपये तक गिरे।
  • जोखिम: मार्जिन प्रेशर और वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता (जैसे ट्रम्प की टैरिफ नीतियाँ) शेयर को प्रभावित कर सकती हैं। JM फाइनेंशियल की ‘सेल’ रेटिंग भी सावधानी का संकेत देती है।

लंबी अवधि के निवेशकों के लिए, बैंक की बेहतर एसेट क्वालिटी और डिपॉजिट ग्रोथ इसे आकर्षक बनाती है, लेकिन शॉर्ट-टर्म में अस्थिरता संभव है।

जोखिम और चुनौतियाँ

कुछ जोखिम जिन पर ध्यान देना जरूरी है:

  • मार्जिन प्रेशर: क्रेडिट कॉस्ट में कमी के बावजूद, ब्याज दरों में बढ़ोतरी से NIM पर दबाव पड़ सकता है।
  • रेगुलेटरी स्क्रूटनी: बैंक का अतीत (2018-20 का संकट) निवेशकों को सतर्क रखता है।
  • प्रतिस्पर्धा: HDFC बैंक और ICICI बैंक जैसे बड़े बैंक रिटेल और डिजिटल सेगमेंट में आगे हैं।

निष्कर्ष

यस बैंक ने Q4 में 63% मुनाफा वृद्धि, बेहतर एसेट क्वालिटी, और मजबूत लोन-डिपॉजिट ग्रोथ के साथ निवेशकों का भरोसा जीता है। X पर निवेशक इसे “बजट में मल्टीबैगर” कह रहे हैं, और सोमवार को शेयर में तेजी की उम्मीद है।

हालांकि, JM फाइनेंशियल की सावधानी और वैश्विक अनिश्चितता को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।

अगर आप यस बैंक में निवेश की सोच रहे हैं, तो अपने जोखिम स्तर और निवेश अवधि को ध्यान में रखें। रिसर्च और धैर्य शेयर बाजार में आपका सबसे बड़ा हथियार हैं।

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