क्या अमेरिका में आएगी फिर से मंदी मिल रहे हैं कुछ ऐसे ही संकेत
अमेरिका की अर्थव्यवस्था दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है ऐसे में अगर अमेरिका में मंदी आ जाती है तो दुनिया भर के शेयर बाजार में उसका फर्क देखने को मिलता है
जैसा कि आप सभी लोग जानते हो कि 2008 में ऐसा एक Scene हो चुका है जिसमें सिर्फ अमेरिका के शेयर बाजार के कारण पूरे दुनिया भर के शेयर बाजार में भारी गिरावट देखी गई थी
इस सप्ताह में कुछ डाटा मिला है जिसके अनुसार कहा जा रहा है कि अमेरिका की अर्थव्यवस्था में मंदी आ सकती है और आप सबको पता है कोविड-19 दिन के बाद से हर देश में महंगाई बहुत ज्यादा बढ़ गई है और साथ ही शेयर बाजार भी बहुत ही मजबूती से टिका रहा है
लेकिन पिछले कुछ दिनों से अमेरिका का शेयर बाजार काफी गिरा था और अभी कुछ समय से शेयर बाजार में काफी बढ़िया उछाल आया है और वही पूरे विश्व का शेयर बाजार का हाल भी कुछ इस तरह ही रह रहा है
मनीकंट्रोल की एक रिपोर्ट के अनुसार यह बताया जा रहा है कि कुछ ऐसे संकेत मिले हुए हैं जिसके अनुसार अमेरिका की अर्थव्यवस्था में मंदी आ जाए तो चलिए जानते हैं कौन से वह प्वाइंट्स है जिनके जरिए यह कहा जा रहा है
कंज्यूमर्स
जुलाई महीने में ही गैसोलीन की कीमतों पर गिरावट सेंटीमेंट मजबूत हुआ है और इसी कारण से लोगों के पास खर्च करने के लिए अधिक से अधिक पैसा बच रहा है
जुलाई के महीने में गैसोलीन और मोटर व्हीकल कोई यदि छोड़ दे तो सभी जगह बिक्री लगभग 0.7 परसेंट बड़ी है
हाउसिंग
पिछले महीने कंस्ट्रक्शन में काफी गिरावट रही है और यदि देखें तो घरों की बिक्री लगातार गिरती ही जा रही है और यह गिरावट 2 साल के समय से ज्यादा निचले स्तर पर पहुंच गई है तो इस हिसाब से हाउसिंग सेक्टर में भी हलचल मची हुई है
लेबर मार्केट
13 अगस्त को समाप्त सप्ताह में बेरोजगारी से जुड़े हुए लाभ के आवेदन ऐतिहासिक नीचे के स्तर पर पहुंचने के साथ लेबर मार्केट से जुड़े आंकड़ों में मजबूती यहां पर देखने को मिली है
जुलाई महीने में Fobes की रिपोर्ट से पता चलता है की लेबर डिमांड में अभी मजबूती बनी हुई है
बेरोजगारी
अमेरिका में बेरोजगारी की दर गिरकर लगभग 3.5% के स्तर पर आ गई है जो 5 दशकों का सबसे निचला स्तर बताया जा रहा है
अंतिम शब्द
तो इन इंडिकेटर्स को देखकर ऐसा बताया जा रहा है कि अमेरिका में आने वाले कुछ दिन अमेरिका की अर्थव्यवस्था के लिए अच्छे ना रहे हालांकि ऐसा नहीं है
कि एकदम से इतनी बड़ी अर्थव्यवस्था में बहुत ज्यादा दिक्कत हो जाएगी ऐसा बिल्कुल नहीं होने वाला लेकिन ऐसा कह सकते हैं कि अर्थव्यवस्था थोड़ी सी डगमगा जरूर सकती है