आज की इस पोस्ट मे हम ये देखे वाले है की Mutual funds के कोनसे कोनसे टाइप होते है और उनका क्या मतलब होता है सारा कुछ आज की इस पोस्ट मे देखे वाले है।
MUTUAL FUND TYPES
- FLEXI-CAP:- फ्लेक्सी–कैप फंड एक प्रकार का म्यूचुअल फंड है जो लार्ज कैप, मिड कैप, स्मॉल कैप कंपनियों में निवेश करता है।
- SMALL-CAP:- जैसा कि नाम से ही पता चलता है कि, स्मॉल–कैप फंड मुख्य रूप से स्मॉल–कैप कंपनियों में निवेश करते हैं
- MID-CAP:- जैसा कि नाम से ही पता चलता है कि, -मिड कैप फंड मुख्य रूप से मध्यम प्रकार की कंपनी में निवेश करते हैं जिस कंपनी का मार्केट केप midum हो।
- LARGE-CAP:- जैसा कि नाम से ही पता चलता है कि, -लार्ज कैप फंड मुख्य रूप से बड़ी प्रकार की कंपनी में निवेश करते हैं जिस कंपनी का मार्केट केप large हो।
- MULTI-CAP:- मल्टी-कैप फंड एक प्रकार का म्यूचुअल फंड है जो लार्ज-कैप, मिड-कैप और स्मॉल-कैप कंपनियों सहित अलग-अलग मार्केट कैप के शेयरों में इन्वेस्ट किया जाता है.
- BLUE CHIP:- ब्लूचिप फंड म्यूचुअल फंड हैं जो समय के साथ प्रदर्शन और स्थिरता के मजबूत ट्रैक रिकॉर्ड के साथ बड़ी कंपनियों के शेयरों में निवेश करते हैं।
- ELSS-TAX:- ELSS (इक्विटी-लिंक्ड सेविंग स्कीम) एक प्रकार का म्यूचुअल फंड है जो मुख्य रूप से इक्विटी शेयर में निवेश करता है और आयकर अधिनियम की धारा 80C के तहत कर लाभ प्रदान करता है।
- INDEX FUND:- इंडेक्स फंड एक विशेष म्यूचुअल फंड है जो किसी विशेष मार्केट इंडेक्स में उसी स्टॉक को खरीदता है. मार्केट इंडेक्स स्टॉक और सिक्योरिटीज़ का एक हाइपोथेटिकल पोर्टफोलियो है जो मार्केट के एक सेक्शन को दर्शाता है. उदाहरण के लिए, S&P 500 इंडेक्स सबसे बड़ी U.S. कंपनियों का 500 दर्शाता है.
- PSU-FUND & BANKING:- बैंकिंग और पीएसयू फंड ओपन-एंडेड म्यूचुअल फंड हैं जो सार्वजनिक वित्तीय संस्थानों, बैंकों और पीएसयू (सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों) द्वारा जारी ऋण उपकरणों में अपनी संपत्ति का कम से कम 80% निवेश करते हैं
- INFRASTRUCTURE:- इंफ्रास्ट्रक्चर फंड सेक्टोरल फंड होते हैं. इनमें इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर से जुड़ी कंपनियों के शेयरों में निवेश किया जाता हैं.
- DEFENSE FUND:- इस योजना का उद्देश्य मुख्य रूप से रक्षा एवं संबद्ध क्षेत्र की कंपनियों की इक्विटी और इक्विटी से संबंधित प्रतिभूतियों में निवेश करता है।
- DEBT-FUND:- डेट म्यूचुअल फंड वो हैजो फिक्स्ड इनकम वाली सिक्योरिटीज में निवेश करता है। यह म्यूचुअल फंड प्रमुख रूप से गवर्नमेंट सिक्योरिटीज कार्पोरेट बॉण्ड्स आदि में निवेश करता है। इसमें आप बिना किसी जोखिम के निवेश कर सकते हैं। आइये इसके बारे में जानते हैं।
- CONTRA-FUND:- कॉन्ट्रा म्यूचुअल फंड एक ओपन-एंडेड निवेश योजना है जो किसी भी बाजार पूंजीकरण और क्षेत्रों में निवेश करने के लिए पर्याप्त फ्लेक्सिबल है। पोर्टफोलियो का कम से कम 65% इक्विटी और इक्विटी से संबंधित उपकरणों में निवेश किया जाना चाहिए।
- BALANCED – ADVANTAGE:- बैलेंस्ड फंड एक प्रकार का म्यूचुअल फंड होता है, जहां संतुलित रिटर्न प्रदान करने के लिए पूंजी एसेट के बीच आवंटित की जाती है. ये एसेट इक्विटी शेयर और डेट मार्केट इंस्ट्रूमेंट हैं.
- COMMODITIES FUND: कमोडिटी म्युचुअल फंड कृषि उत्पादों और कच्चे माल जैसी वस्तुओं में निवेश करते हैं हालांकि भारत में एक परिपक्व और विविधतापूर्ण कमोडिटी बाजार है, कुछ निवेशक अपने पोर्टफोलियो में विविधता लाते हुए केवल संपत्ति वर्ग के रूप में वस्तुओं में निवेश करते हैं।
- MULTI-ASSET:- मल्टी एसेट फंड एक विविध संपत्ति पर निवेश करने वाली म्यूचुअल फंड है, जो निवेशकों को जोखिम-लाभ संतुलन प्रदान करता है।
- OPPORTUNITIES- FUND:- अपॉर्च्युनिटीज फंड को विभिन्न चुनौतियों के दौर में अच्छे रिटर्न के साथ पार निकलने का प्रमुख जरिया माना जाता है.
- ARBITRAGE FUND:- यह म्यूचुअल फंड की इक्विटी स्कीम की कैटेगरी में आता है. हालांकि, इसमें फंड का 65 फीसदी हिस्सा ही शेयरों में लगाया जाता है. यह कैश मार्केट और डेरिवेटिव मार्केट में शेयरों के भाव में अंतर का फायदा उठाने के लिए अपने फंड का इस्तेमाल करता है. यह वजह है कि शेयर बाजार में ज्यादा उतार-चढ़ाव के दौर में इस फंड का प्रदर्शन बेहतर रहता है.
- FOCUSED FUND:- फोकस्ड इक्विटी फंड निवेश माध्यम हैं जो शेयरों के एक केंद्रित पोर्टफोलियो में निवेश करते हैं। ये फंड 20 से 30 तक की छोटी संख्या में स्टॉक रखते हैं। फंड मैनेजर सेक्टर के प्रदर्शन और भविष्य के विकास की संभावनाओं के अपने शोध और विश्लेषण के आधार पर प्रतिभूतियों का चयन करेगा।
- HYBRID FUND:- हाइब्रिड फंड वो म्यूचुअल फंड स्कीम है जो इक्विटी और डेट दोनों में निवेश करती है. या फिर कहें तो एक ही फंड है जो कई तरह के एसेट क्लास में निवेश करता है