Mutual fund में करने जा रहे हैं निवेश, दिमाग में ना पालें ये 7 गलतफहमियां

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म्यूचुअल फंड निवेश तेजी से लोगों के बीच पॉपुलर हो रहा है बावजूद इसके म्यूचुअल फंड निवेश के प्रति कई सारे मिथ हैं जिससे लोगों को दूर रहना चाहिए, ताकि वे अपने लिए निवेश का सहीं फैसला ले सके.

Mutual fund में निवेश के लिए गलतफहमियां

MF में निवेश के लिए एक्सपर्ट होना जरुरी है

म्यूचुअल फंड को मैनेज करने वाले फंड मैनेजर अपने कार्य में विशेषज्ञ होते हैं, ये शेयर बाजार के उतार-चढाव को अच्छी तरह स्टडी कर, निवेश रणनीति तैयार करते हैं. इसलिए म्यूचुअल फंड निवेश के लिए आपको एक्सपर्ट होने की आवश्यकता नहीं है.

MF निवेश के लिए ढेर सारे पैसे की आवश्यकता है

म्यूचुअल फंड निवेश लोगों के बीच तेजी से इसलिए पॉपुलर हो पाया, क्योंकि यह हर तरह के इनकम वालों के लिए उपलब्ध है, सामान्य 500 रुपये और कुछ फंड्स में 100 रुपये से निवेश किया जा सकता है. इसके अलावा बहुत ही जल्द सेबी न्यूनतम एसआईपी निवेश को 250 रुपये तक लाने वाला है. वहीँ अगर म्यूचुअल फंड में एकमुश्त निवेश की बात करें तो यह ज्यादातर फंड्स में 5000 रुपये से शुरु हो जाता है, यानी म्यूचुअल फंड निवेश के लिए ढेर सारे पैसे की आवश्यकता नहीं है.

MF निवेश में रिटर्न की गारंटी होती है

अगर इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश किया गया है तो यह शेयर बाजार से लिंक्ड है, शेयर बाजार में लिस्टेड कंपनियों के शेयर्स खरीदने में फंड ने पैसा लगाया है, इसलिए बाजार उतार-चढाव का असर म्यूचुअल फंड पर पड़ता है नतीजतन म्यूचुअल फंड में रिटर्न की गारंटी नहीं होती.

MF निवेश के लिए कई बार KYC की आवश्यकता होती है

म्यूचुअल फंड में निवेश करने के लिए किसी भी फंड हॉउस के साथ एक बार KYC करने की आवश्यकता पड़ती है, अगर आप अलग-अलग फंड हॉउस में निवेश करते हैं तो हर फंड हॉउस में KYC करना होगा, मान लीजिए आपने SBI Mutual Fund हॉउस के साथ KYC किया है तो आप उसके सभी स्कीमों में निवेश कर सकते हैं दोबारा KYC की आवश्यकता नहीं है. इसे ऑनलाइन भी किया जा सकता है.

MF युवाओं के लिए नहीं है

युवा निवेशकों के पास अधिक मौका है निवेश तरीकों को एक्सप्लोर करने का, वे अधिक जोखिम उठा सकते हैं, जितना की 40 से 50 वर्षीय व्यक्ति नहीं उठा सकता, युवा वर्ग के पास इक्विटी में निवेश कर हाई रिस्क लेने और हाई रिटर्न बनाने का मौका है, चूँकि इस वर्ग के लिए निवेश का एक लम्बा समय है, कम्पाउंडिंग का सबसे ज्यादा फायदा उठाया जा सकता है, इक्विटी फंड्स लॉन्ग टर्म में बढ़िया रिटर्न देते हैं जिसका पूरा-पूरा फायदा युवा वर्ग उठा सकता है.

टॉप रेटेड फंड में अधिक रिटर्न मिल सकता है

फंड की रेटिंग कई कारणों पर निर्भर करती है जैसे – मार्केट पीरियड के दौरान फंड का रिटर्न, फंड मैनेजर की क्षमता, महगाई दर आदि, अगर इन फेक्टर्स में बदलाव होता है तो फंड की रेटिंग भी बदल सकती है, इसलिए टॉप रेटेड फंड में निवेश से अधिक रिटर्न मिलता है यह कहना गलत है.

MF केवल इक्विटी में निवेश करता है

हर तरह के निवेशकों के लिए म्यूचुअल फंड के पास अलग-अलग निवेश विकल्प मौजूद है इक्विटी फंड में अधिकांश निवेश शेयर्स में होता है इसलिए यह अधिक रिटर्न दे सकता है साथ ही अधिक जोखिम वाला भी होता है, इसके अलावा डेब्ट फंड सरकारी सिक्योरिटी (G-sec), डिबेंचर, बॉन्ड, और कॉर्पोरेट फिक्स्ड डिपॉजिट्स में निवेश किया जा सकता है, हालाँकि इनमे इक्विटी की तुलना कम रिटर्न मिलता है, अगर आप डेट और इक्विटी दोनों में निवेश करना चाहते हैं तो हाइब्रिड फंड का चुनाव कर सकते हैं.

अगर आपको भी अपने फ्यूचर की प्लानिंग करनी है और बुढ़ापे या किसी भी चीज के लिए पैसे चाहिए तक अभी से mutual fund में निवेश करना स्टार्ट करे क्युकी वक्त के साथ आपका पैसे भी बढ़ेगा और सेविंग भी हो जायेगी।

Disclaimer : यह आर्टिकल रिसर्च और जानकारियों के आधार पर बनाया गया है, हमारे द्वारा किसी भी प्रकार की फाइनेंसियल एडवाइज नहीं दी जाती अगर आप निवेश करना चाहते हैं तब सबसे पहले अपने फाइनेंशियल एडवाइजर से सलाह लें

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