भारत की सबसे बड़ी आईटी कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) ने अपने कर्मचारियों के लिए एक बड़ा फैसला लिया है। कंपनी ने अप्रैल 2025 से होने वाली सैलरी बढ़ोतरी को फिलहाल टालने का ऐलान किया है।
इस खबर ने TCS के लाखों कर्मचारियों को चौंका दिया है, क्योंकि हर साल अप्रैल में सैलरी बढ़ोतरी की उम्मीद रहती है। आइए, जानते हैं कि कंपनी ने यह फैसला क्यों लिया और इसका कर्मचारियों पर क्या असर होगा।
सैलरी बढ़ोतरी क्यों टली?
TCS के चीफ ह्यूमन रिसोर्स ऑफिसर (CHRO) मिलिंद लक्कड़ ने बताया कि वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता के कारण यह कदम उठाया गया है।
खासकर अमेरिका और अन्य देशों के बीच चल रहे टैरिफ विवाद ने बाजार में अनिश्चितता बढ़ा दी है। कंपनी का कहना है कि अभी सही समय का इंतजार किया जाएगा, और जैसे ही स्थिति स्पष्ट होगी, सैलरी बढ़ोतरी पर फैसला लिया जाएगा।
लक्कड़ ने यह भी कहा कि यह बढ़ोतरी इस वित्तीय वर्ष में बाद में हो सकती है, लेकिन अभी कोई तारीख तय नहीं है।
कर्मचारियों पर क्या होगा असर?
TCS में करीब 6 लाख से ज्यादा कर्मचारी काम करते हैं। सैलरी बढ़ोतरी टलने की खबर से कई कर्मचारियों में निराशा है। हर साल अप्रैल में होने वाली बढ़ोतरी कर्मचारियों के लिए एक बड़ा प्रोत्साहन होती है।
हालांकि, कंपनी ने साफ किया है कि तिमाही बोनस (क्वार्टरली वेरिएबल पे) पहले की तरह जारी रहेगा। इसका मतलब है कि कर्मचारियों को कुछ राहत तो मिलेगी, लेकिन सैलरी में स्थायी बढ़ोतरी के लिए अभी इंतजार करना होगा।
TCS का भविष्य का प्लान क्या है?
सैलरी बढ़ोतरी टालने के बावजूद TCS अपने लंबे समय के प्लान पर कायम है। कंपनी ने इस साल 42,000 नए कर्मचारियों को जोड़ा है और अगले वित्तीय वर्ष (FY26) में भी भर्ती जारी रखने की योजना है।
TCS का कहना है कि वह अपने कर्मचारियों की स्किल डेवलपमेंट और करियर ग्रोथ पर ध्यान दे रही है। इसके अलावा, कंपनी ने हाल ही में रिटर्न-टू-ऑफिस पॉलिसी को और सख्त किया है, जिसके तहत कर्मचारियों को सप्ताह में पांच दिन ऑफिस से काम करना जरूरी है।
TCS का प्रदर्शन कैसा रहा?
TCS ने अपने ताजा वित्तीय नतीजों में बताया कि वित्तीय वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में उसका नेट प्रॉफिट 12,224 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल की तुलना में 1.7% कम है।
कंपनी का कहना है कि वैश्विक बाजार में चुनौतियों के बावजूद वह स्थिर प्रदर्शन कर रही है। कर्मचारियों की छंटनी की दर (एट्रिशन रेट) भी 13.3% रही, जो पिछले कुछ सालों की तुलना में नियंत्रित है।
कर्मचारियों के लिए क्या है सलाह?
ऐसे समय में जब सैलरी बढ़ोतरी टल रही है, विशेषज्ञों का कहना है कि कर्मचारियों को अपनी स्किल्स को अपग्रेड करने पर ध्यान देना चाहिए। आईटी सेक्टर में तेजी से बदलाव हो रहे हैं, और नई टेक्नोलॉजी जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और क्लाउड कंप्यूटिंग में महारत हासिल करना फायदेमंद हो सकता है।
साथ ही, कर्मचारियों को कंपनी की नीतियों पर नजर रखनी चाहिए, ताकि भविष्य में होने वाले बदलावों के लिए तैयार रहा जा सके।
क्या है TCS की रणनीति?
TCS का यह फैसला दिखाता है कि कंपनी सतर्कता के साथ आगे बढ़ रही है। वैश्विक बाजार में उतार-चढ़ाव के बीच TCS अपने बिजनेस को स्थिर रखने की कोशिश कर रही है।
सैलरी बढ़ोतरी टालना एक अल्पकालिक कदम हो सकता है, लेकिन कंपनी का फोकस लंबे समय की स्थिरता और ग्रोथ पर है। कर्मचारियों को उम्मीद है कि जल्द ही स्थिति बेहतर होगी और सैलरी बढ़ोतरी का ऐलान होगा।