सुजलॉन एनर्जी: शेयर में क्यों बढ़ रहा है जोश? 2025 में क्या है टारगेट प्राइस?

By Team InvestmentSikho

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सुजलॉन एनर्जी, भारत की अग्रणी रिन्यूएबल एनर्जी कंपनी, एक बार फिर निवेशकों के बीच चर्चा में है। इसके शेयरों ने पिछले कुछ सालों में शानदार रिटर्न दिए हैं, और अब नए आँकड़े बताते हैं कि छोटे निवेशकों का भरोसा भी इस कंपनी पर बढ़ रहा है।

जनवरी-मार्च 2025 की तिमाही में सुजलॉन ने 2 लाख से ज्यादा नए रिटेल शेयरहोल्डर्स जोड़े हैं। साथ ही, मशहूर ब्रोकरेज फर्म मोतीलाल ओसवाल ने इस शेयर के लिए 75 रुपये का टारगेट प्राइस दिया है, जो मौजूदा कीमत से 46% की बढ़ोतरी का संकेत देता है। आइए, जानते हैं कि सुजलॉन के शेयरों में इतना उत्साह क्यों है और क्या यह निवेश का सही समय है।

रिटेल निवेशकों का भरोसा क्यों बढ़ा?

सुजलॉन एनर्जी के शेयरों ने पिछले पाँच सालों में निवेशकों को 2175% से ज्यादा रिटर्न दिया है। यानी, अगर किसी ने 2019 में 1000 रुपये लगाए होते, तो आज उनकी वैल्यू करीब 22,750 रुपये होती! जनवरी-मार्च 2025 में कंपनी के रिटेल शेयरहोल्डर्स की संख्या 54.09 लाख से बढ़कर 56.12 लाख हो गई। अब रिटेल निवेशकों की हिस्सेदारी 25.12% है, जो पिछली तिमाही के 24.49% से ज्यादा है। इसका मतलब है कि छोटे निवेशक सुजलॉन के भविष्य पर बड़ा दाँव लगा रहे हैं, भले ही शेयर की कीमत अपने उच्चतम स्तर से कुछ नीचे आई हो।

मोतीलाल ओसवाल की बुलिश राय

मोतीलाल ओसवाल ने हाल ही में सुजलॉन एनर्जी पर कवरेज शुरू की और इसे “BUY” रेटिंग दी। ब्रोकरेज का मानना है कि भारत में रिन्यूएबल एनर्जी, खासकर विंड एनर्जी, का भविष्य बहुत उज्ज्वल है। उन्होंने सुजलॉन के लिए 75 रुपये का टारगेट प्राइस तय किया है, जो मौजूदा कीमत (लगभग 51.21 रुपये, 11 अप्रैल 2025 को) से 46% ज्यादा है। उनके मुताबिक, कंपनी की ग्रोथ के पीछे ये कारण हैं:

  • मजबूत ऑर्डर बुक: सुजलॉन की ऑर्डर बुक मार्च 2025 में 5,622 मेगावाट (MW) तक पहुँच गई है। यह कंपनी की डिलीवरी क्षमता को दर्शाता है।
  • विंड एनर्जी की बढ़ती माँग: भारत में विंड एनर्जी रिन्यूएबल मिक्स का 20% हिस्सा बनने की ओर बढ़ रही है। सुजलॉन इस सेक्टर में 15 गीगावाट (GW) की स्थापित क्षमता के साथ लीडर है।
  • कम लागत, ज्यादा मुनाफा: कंपनी की लागत कम करने की रणनीति और ऑपरेशनल दक्षता ने इसके मुनाफे को बढ़ाया है। दिसंबर 2024 तिमाही में कंपनी का नेट प्रॉफिट 91% बढ़कर 388 करोड़ रुपये रहा।

सुजलॉन का शानदार प्रदर्शन

सुजलॉन के शेयरों ने लंबी अवधि में निवेशकों को मालामाल किया है। BSE के आँकड़ों के अनुसार:

  • पिछले 1 साल में: 25% रिटर्न
  • पिछले 2 साल में: 549% रिटर्न
  • पिछले 3 साल में: 419% रिटर्न
  • पिछले 5 साल में: 2175% रिटर्न

हालांकि, शेयर की कीमत अपने 52-सप्ताह के उच्चतम स्तर (86.04 रुपये) से 66% नीचे है, फिर भी निवेशकों का भरोसा बना हुआ है। 11 अप्रैल 2025 को शेयर 3.51% बढ़कर 53.03 रुपये पर बंद हुआ, जिससे कंपनी का मार्केट कैप 72,377 करोड़ रुपये तक पहुँच गया।

सुजलॉन की ताकत क्या है?

सुजलॉन एनर्जी भारत की सबसे बड़ी विंड टरबाइन निर्माता कंपनी है, जो 17 देशों में काम करती है। कंपनी की कुछ खास बातें:

  • 15 GW से ज्यादा क्षमता: यह Siemens Gamesa (8.9 GW) और Vestas (3.4 GW) जैसे प्रतिस्पर्धियों से कहीं आगे है।
  • ऑपरेशन एंड मेंटेनेंस (O&M): सुजलॉन का O&M सेगमेंट बाजार में उसकी मजबूत स्थिति को और बढ़ाता है। हाल ही में Renom Energy के अधिग्रहण से कंपनी को 32 GW से ज्यादा गैर-सुजलॉन O&M अवसर मिले हैं।
  • वित्तीय सुधार: कंपनी ने अपने कर्ज को कम किया है और नेट कैश पोजिशन में है। 2027 तक टैक्स में छूट मिलने से कैश फ्लो और मजबूत होगा।

जोखिम भी हैं

हर निवेश में जोखिम होते हैं, और सुजलॉन भी इससे अछूता नहीं है। मोतीलाल ओसवाल ने कुछ चुनौतियों का जिक्र किया है:

  • बढ़ती प्रतिस्पर्धा: चीनी और यूरोपीय कंपनियाँ भारतीय विंड मार्केट में दाखिल हो रही हैं।
  • प्रोजेक्ट में देरी: जमीन अधिग्रहण और ट्रांसमिशन इन्फ्रास्ट्रक्चर की कमी से प्रोजेक्ट्स में रुकावट आ सकती है।
  • कीमतों में उतार-चढ़ाव: कच्चे माल की कीमतों में बदलाव मुनाफे को प्रभावित कर सकता है।

निवेशक क्या करें?

सुजलॉन के शेयरों में निवेश का फैसला लेने से पहले कुछ बातें ध्यान में रखें:

  • लंबी अवधि का नजरिया: अगर आप लंबे समय के लिए निवेश करना चाहते हैं, तो सुजलॉन की मजबूत ऑर्डर बुक और रिन्यूएबल एनर्जी में भारत की नीतियाँ इसे आकर्षक बनाती हैं।
  • तकनीकी नजरिया: विशेषज्ञों के अनुसार, शेयर 48-50 रुपये के स्तर पर मजबूत सपोर्ट दिखा रहा है। अगर यह 58 रुपये के ऊपर जाता है, तो 65-75 रुपये तक की तेजी संभव है।
  • जोखिम प्रबंधन: शेयर की अस्थिरता को देखते हुए, अपने पोर्टफोलियो का केवल एक हिस्सा ही इसमें लगाएँ।

सुजलॉन एनर्जी भारत के रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर का एक चमकता सितारा है। छोटे निवेशकों की बढ़ती हिस्सेदारी और मोतीलाल ओसवाल जैसे ब्रोकरेज की सकारात्मक राय से यह साफ है कि कंपनी में अभी और जोश बाकी है।

अगर आप रिन्यूएबल एनर्जी में निवेश की तलाश में हैं, तो सुजलॉन एक आकर्षक विकल्प हो सकता है। लेकिन, निवेश से पहले अपने फाइनेंशियल सलाहकार से जरूर बात करें, क्योंकि शेयर बाजार में जोखिम हमेशा बना रहता है।

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