कमोडिटी ट्रेडिंग क्या है? कमोडिटी मार्केट में ट्रेडिंग कैसे करें?

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

Commodity trading kya hai: दोस्तों शेयर मार्केट में हम शेयर ट्रेडिंग के अलावा एक शब्द और सुनते हैं ‘कमोडिटी ट्रेडिंग‘ यह सुनकर बहुत से लोगों को समझ नहीं आता कि आखिर शेयर ट्रेडिंग और कमोडिटी ट्रेडिंग में क्या अंतर होता है

इसलिए आज इस पोस्ट में हम यही जानेंगे कि कमोडिटी ट्रेडिंग क्या होती है, कमोडिटी मार्केट क्या है, इसमें हम किन चीजों की ट्रेडिंग कर सकते हैं और कमोडिटी ट्रेडिंग कैसे करते हैं?

तो दोस्तों आप इस पोस्ट को अंत तक जरूर पढ़िएगा ताकि आप commodity trading के बारे में सब कुछ विस्तार से जान सकें।

कमोडिटी ट्रेडिंग क्या है? What is commodity trading in hindi

कमोडिटी मार्केट में लोगों द्वारा कमोडिटीज जैसे; सोना चांदी ऑयल नेचुरल गैस चीनी दाल चावल आदि को खरीदने और बेचने की प्रक्रिया को ही कमोडिटी ट्रेडिंग कहते हैं. इंडिया में अधिकतर कमोडिटी ट्रेडिंग MCX यानी मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज के द्वारा की जाती है।

Commodity Meaning in Hindi:

कमोडिटी का मतलब होता है ऐसी चीजें जिन्हें हम डेली लाइफ में उपयोग करते हैं और उन चीजों को कोई भी प्रोड्यूस करें हम उनको एक जैसा ही मानते हैं।

उदाहरण के लिए; दाल, चावल, तेल, LPG, गोल्ड सिल्वर आदि चीजों को ही हम कमोडिटी कहते हैं।

जिस तरह शेयर मार्केट में हम शेयर पर डेरिवेटिव ट्रेडिंग करते हैं ठीक उसी तरह कमोडिटी मार्केट में commodities पर डेरिवेटिव ट्रेडिंग कर सकते हैं।

लेकिन यहां पर हम कमोडिटीज की बात कर रहे हैं इसलिए आपके लिए यह जानना बहुत जरूरी है कि आखिर कमोडिटीज कितने प्रकार की होती हैं तो आइए जान लेते हैं–

कमोडिटी कितने प्रकार की होती है (Types of commodity in hindi)

कमोडिटी मार्केट में 4 प्रकार की कमोडिटी में ट्रेडिंग होती है;

  1. Agri commodies: इसके उदाहरण हैं– कॉटन सोयाबीन, चीनी, दाल, काली मिर्च आदि।
  2. Base Metals: इसके उदाहरण हैं– एलुमिनियम, lead, निकल, कॉपर, जिंक आदि।
  3. Precious Metals: इसके उदाहरण हैं– गोल्ड और सिल्वर
  4. Energy: इसके उदाहरण हैं– क्रूड ऑयल और नेचुरल गैस।

दोस्तों कमोडिटी की ज्यादातर ट्रेडिंग फ्यूचर डेरिवेटिव में होती है. यानी कि हम इन चारों तरह की कमोडिटीज पर अलग-अलग time duration के future contract की buying और selling कर सकते हैं।

एक बात जो कमोडिटी फ्यूचर को शेयर के फ्यूचर से अलग करती है वह यह है कि shares के future सिर्फ 3 महीने के होते हैं जबकि कमोडिटीज के फ्यूचर इससे कई ज्यादा टाइम के हो सकते हैं।

उदाहरण के लिए– हम cruide oil के 6 month तक के कॉन्ट्रैक्ट खरीद सकते हैं।

इंडिया में कितने कमोडिटी एक्सचेंज है?

जिस तरह शेयर की ट्रेडिंग स्टॉक एक्सचेंज पर होती है उसी तरह कमोडिटी की ट्रेडिंग कमोडिटी एक्सचेंज पर होती है।

इंडिया में 6 कमोडिटी एक्सचेंज हैं–

  1. MCX ( मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज)
  2. NCDEX (नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज)
  3. NMCE (नेशनल मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज)
  4. ICEX (इंडियन कमोडिटी एक्सचेंज)
  5. ACE (एस कमोडिटी एक्सचेंज)
  6. UCX (यूनिवर्सल कमोडिटी एक्सचेंज)

जब भी आप कमोडिटी ट्रेडिंग करेंगे तो आप केवल इन 6 एक्सचेंज के जरिए ही ट्रेडिंग कर सकते हैं.

आपको बता दें कि कमोडिटी मार्केट की रेगुलेटर SEBI ही है जो शेयर मार्केट को भी रेगुलेट करती है।

आपको बता दें कि कमोडिटी मार्केट में सबसे ज्यादा ट्रेडिंग क्रूड ऑयल और गोल्ड में होती है और इन कमोडिटीज में वह लोग trading करते हैं जो इसी फील्ड में काम करते हैं।

  • जैसे Gold के फ्यूचर में गोल्ड प्रोड्यूस करने वाली कंपनियां ट्रेड करती हैं या वो लोग अधिकतर ट्रेड करते हैं जिन्हें गोल्ड की अच्छी खासी समझ होती है।
  • ठीक इसी तरह क्रूड ऑयल में पेट्रोलियम कंपनियां ट्रेडिंग करती हैं लेकिन बहुत बार हम जैसे आम लोग भी कमोडिटी ट्रेडिंग में समय के साथ एक्सपर्ट होते जाते हैं।

दोस्तों कमोडिटी में ट्रेडिंग करना शेयर से ज्यादा रिस्की होता है क्योंकि किसी भी कमोडिटी का प्राइस काफी कम समय में काफी तेजी से चेंज हो सकता है.

इसका कारण यह है कि कमोडिटी ऐसी चीज होती हैं जो फिजिकल डिमांड और सप्लाई पर आधारित होती हैं।

जैसे मान लो अगर सऊदी अरब में ऑयल को लेकर कोई दिक्कत आ जाए तो क्रूड ऑयल के प्राइस पर इसका बहुत बड़ा असर देखने को मिल सकता है।

इसी प्रकार अगर इंडिया में सुगर यानी चीनी की प्रोडक्शन जरूर से काफी कम हो जाए तो चीनी का प्राइस इंडियन मार्केट में काफी तेजी से बढ़ सकता है।

आपको बता दें कि कमोडिटीज में ट्रेडिंग डेरिवेटिव में होती है और डेरिवेटिव की ट्रेडिंग मार्जिन पर होती हैं और इस वजह से अगर आपका ट्रेड गलत हो गया तो आपको काफी नुकसान हो सकता है 

लेकिन अगर आपका ट्रेड सही हुआ तो आपको मार्जिन की वजह से अच्छा खासा प्रॉफिट भी हो सकता है 

अगर आपको कमोडिटी मार्केट में प्रयोग होने वाली किसी भी कमोडिटी की अच्छी खासी नॉलेज है तो आप उस कमोडिटी में ट्रेडिंग जरूर कर सकते हैं।

चूंकि कमोडिटीज की ज्यादातर ट्रेडिंग फ्यूचर में होती है इसीलिए अगर आप कमोडिटी ट्रेडिंग करने की सोच रहे हैं तो पहले फ्यूचर ट्रेडिंग को अच्छी तरह से समझ लें।

अगर आप कमोडिटी ट्रेडिंग के बारे में बिल्कुल आसान भाषा में प्रैक्टिकल तरीके से जानना चाहते हैं तो नीचे दी गई वीडियो देख सकते हैं–

Similar Posts

One Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *